इससे कुछ दिन पूर्व संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी संस्था ने कहा था कि उसने ईरान के अनुरोध पर नयी कार्यशाला की निगरानी के लिए कैमरे स्थापित किए हैं।
आधिकारिक समाचार एजेंसी ‘इरना’ की शनिवार देर रात की खबर के अनुसार, यह कदम ऐसे वक्त उठाया गया है जब ईरान से हुए परमाणु समझौते को बहाल करने के राजनयिक प्रयास रुके हुए हैं।
समाचार एजेंसी ने ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन के प्रवक्ता बेहरुज कमालवंदी के हवाले से कहा कि अधिकारियों ने कार्यशाला को सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित कर दिया है।
जून में करज में ईरान की सेंट्रीफ्यूज कार्यशाला को निशाना बनाया गया, जिसे ईरान ने तोड़फोड़ के इरादे से किया गया हमला बताया था। परमाणु समझौते पर अनिश्चितता के बीच नतांज को दो बार तोड़फोड़ के इरादे से किए गए हमलों में निशाना बनाया गया है, जिसके लिए ईरान ने इजराइल पर आरोप लगाया है।
कमालवंदी ने कहा, ‘‘दुर्भाग्य से करज के खिलाफ हुए एक आतंकवादी अभियान के कारण, हम सुरक्षा उपायों को तेज करने के लिए बाध्य हुए, जिसके तहत हमने मशीनों के एक महत्वपूर्ण हिस्से को स्थानांतरित कर दिया और बाकी को नतांज और इस्फहान में स्थानांतरित कर दिया।’’ इस्फहान एक अन्य ईरानी परमाणु संयंत्र का स्थान है।
वियना स्थित अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने दो दिन पहले नतांज में नयी कार्यशाला में कैमरे लगाए और मशीनों से सील हटा दी। उन मशीनों का उपयोग सेंट्रीफ्यूज रोटर ट्यूब और अन्य सामग्री बनाने के लिए किया जाएगा। ये उपकरणों के लिए महत्वपूर्ण होते हैं और यूरेनियम गैस को संवर्द्धित करने के लिए बहुत तेज गति से घूमते हैं।
साल 2015 के परमाणु समझौते को बहाल करने के लिए वियना में ईरान और विश्व शक्तियों के बीच बातचीत ठप हो गई है। इस बात की चिंता है कि अगर ईरान समझौते से पीछे हटने का फैसला करता है तो ईरान परमाणु हथियार बनाने में सक्षम होने के करीब पहुंच सकता है।
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