जरुरी जानकारी | इक्विटी एमएफ में अगस्त में निवेश तीन प्रतिशत बढ़ा, एसआईपी में प्रवाह रिकॉर्ड पर

नयी दिल्ली, 10 सितंबर इक्विटी म्यूचुअल फंड ने अगस्त में भी अपनी मजबूत गति जारी रखी और थीम आधारित योजनाओं से मिले मजबूत योगदान से इनमें 38,239 करोड़ रुपये का निवेश हुआ।

एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों के अनुसार, जुलाई में दर्ज 37,113 करोड़ रुपये के शुद्ध प्रवाह से यह तीन प्रतिशत अधिक रहा। लगातार 42 महीने से इक्विटी कोषों में शुद्ध प्रवाह जारी है। अगस्त में अबतक किसी भी महीने में प्राप्त दूसरा सबसे अधिक निवेश भी दर्ज किया गया। साथ ही यह जून में प्राप्त 40,608 करोड़ रुपये के शुद्ध निवेश के बाद यह दूसरे स्थान पर है।

एम्फी के मुख्य कार्यकारी वेंकट चालसानी ने कहा कि एसआईपी (सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) से मासिक योगदान अगस्त में बढ़कर 23,547 रुपये के सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गया, जबकि पिछले महीने यह 23,332 करोड़ रुपये था। यह अनुशासित और दीर्घकालिक धन संचय की ओर निवेशकों की बदलती भावना को दर्शाता है।

यूनियन म्यूचुअल फंड की मुख्य कार्यपालक अधिकारी मधु नायर ने कहा कि अगस्त, 2024 के महीने के लिए इक्विटी प्रवाह एसआईपी प्रवाह, एनएफओ (नई कोष पेशकश) और मौजूदा योजनाओं का मिश्रण रहा है।

कोटक महिंद्रा एएमसी के राष्ट्रीय प्रमुख (बिक्री, विपणन तथा डिजिटल व्यापार) मनीष मेहता ने कहा, ‘‘ एसआईपी (सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) और एनएफओ (नई कोष पेशकश) के प्रवाह के साथ शुद्ध प्रवाह उत्साहजनक बना हुआ है। एनएफओ के कारण योजनाओं की क्षेत्रीय/विषयगत श्रेणी में मजबूत प्रवाह देखा गया। एनएफओ निवेशकों के लिए म्यूचुअल फंड में एकमुश्त राशि आवंटन करने का पसंदीदा मार्ग प्रतीत होता है क्योंकि योजनाओं में निर्धारित समय अवधि में निवेश के लिए लचीलापन होता है।’’

कुल मिलाकर, म्यूचुअल फंड उद्योग में समीक्षाधीन महीने में 1.08 लाख करोड़ रुपये का निवेश आया, जबकि जुलाई में यह आंकड़ा 1.9 लाख करोड़ रुपये था।

इन निवेश के साथ उद्योग के प्रबंधन के तहत शुद्ध परिसंपत्तियां अगस्त के अंत में बढ़कर 66.7 लाख करोड़ रुपये के सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गईं, जो जुलाई के अंत में 65 लाख करोड़ रुपये थीं।

समीक्षाधीन महीने में इक्विटी योजना, क्षेत्र आधारित या थीम आधारित कोषों ने सबसे ज्यादा 18,117 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश आकर्षित किया। हालांकि, इस खंड में निवेश जुलाई के 18,386 करोड़ रुपये और जून के 22,352 करोड़ रुपये की तुलना में कम रहा।

अगस्त में ऋण-उन्मुख योजनाओं में 45,169 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश हुआ, जो पिछले महीने के 1.2 लाख करोड़ रुपये से 62 प्रतिशत कम है।

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