देहरादून, 28 सितंबर : देश को झकझोर देने वाले अंकिता हत्याकांड की पुलिस तत्परता से हर पहलू की जांच करने में जुटी है जिससे आरोपियों को फांसी के फंदे तक पहुंचाया जा सके. हत्याकांड की जांच की निगरानी कर रहे उत्तराखंड पुलिस के एक उच्चपदस्थ अधिकारी ने दावा किया कि 22 सितंबर को अंकिता की गुमशुदगी का मामला राजस्व पुलिस से पुलिस को सौंपे जाने के 24 घंटे के भीतर ही मुख्य आरोपी वनंत्रा रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य सहित तीनों आरोपियों को गिरफतार कर लिया गया. उन्होंने कहा कि इसकी जांच के लिए पुलिस उपमहानिरीक्षक स्तर की अधिकारी की अध्यक्षता में विशेष जांच दल (एसआइटी) का गठन किया गया जो तेजी से सबूत इकट्ठा करने में जुटी हुई है. उन्होंने कहा, ‘‘हम वे सभी सबूत इकटठा कर रहे हैं जिनकी सहायता से हम तीनों आरोपियों को फांसी के फंदे तक ले जाएंगे.’’
अधिकारी ने रिजॉर्ट के ध्वस्तीकरण से सबूत नष्ट होने तथा आरोपियों को बचाने के आरोपों को भी गलत बताया और कहा कि सभी सबूत सुरक्षित हैं और कहीं किसी सबूत से छेड़छाड़ नहीं हुई है. यह पूछे जाने पर कि अंकिता के वायरल चैट संदेशों में उसे जिस वीआइपी को ‘एक्सट्रा सर्विस’ देने के लिए मजबूर करने की बात सामने आ रही है, उसे जांच में शामिल क्यों नहीं किया जा रहा है, उन्होंने जोर देकर कहा कि उसे भी जांच में शामिल किया जाएगा. उन्होंने कहा, ‘‘इसी बारे में जानने के लिए हमने अंकिता के दोस्त पुष्प को बुलाया है. उससे पूछताछ के आधार पर ही आगे की कार्यवाही की जाएगी.’’ आरोपियों ने पूछताछ में बताया था कि उन्होंने अंकिता को 18 सितंबर को ऋषिकेश के निकट चीला नहर में धक्का दिया था जबकि उसका शव 24 सितंबर को बरामद हुआ. यह भी पढ़ें : नोटबंदी के विरुद्ध दायर याचिकाओं के ‘अकादमिक’ होने पर 12 अक्टूबर को विचार करेगा न्यायालय
पांच-छह दिन पानी में डूबे रहने के बावजूद अंकिता का शव फूला न होने से उसकी हत्या कहीं और करने के बाद शव को नहर में फेंके जाने के बारे में व्यक्त की जा रही आशंकाओं के बाबत पुलिस अधिकारी ने कहा कि मृतका के शव का पोस्टमार्टम ऋषिकेश एम्स में चार चिकित्सकों के पैनल ने किया है, जिसमें साफ कहा गया है कि उसकी मौत डूबने से हुई. उन्होंने कहा, ‘‘पोस्टमार्टम रिपोर्ट में तीन बातें स्पष्ट रूप से कही गयी हैं, मौत का कारण पानी में डूबना है, उसकी कोहनी, पीठ और उंगली में चोटें हैं जो जमीन पर घसीटने के कारण आयी लगती हैं और उसके साथ कोई दुष्कर्म नहीं किया गया.’’ हांलांकि, उन्होंने कहा कि फिर भी दुष्कर्म की बात की पुष्टि के लिए अंकिता के शव का नमूना फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है जिसकी जल्द ही रिपोर्ट भी मिल जाएगी. सोशल मीडिया पर चल रही खबरों को निराधार बताते हुए उन्होंने कहा कि ये सब बकवास और झूठ है और ऐसे भ्रम फैलाने से आरोपियों की मदद ही होगी.
उन्होंने कहा कि जांच तेजी से और हर पहलू से की जा रही है तथा जल्द ही सब बातें सामने आ जाएंगी. उन्होंने कहा, ‘‘लोगों को धैर्य रखना चाहिए. अंकिता को इंसाफ मिलेगा.’’ इस बीच, उप महानिरीक्षक पी रेणुका देवी की अगुवाई में एसआइटी ने स्लेटी रंग की एक्टिवा तथा काले रंग की पल्सर मोटरसाइकिल बरामद की. माना जा रहा है कि इन वाहनों का प्रयोग आरोपियों ने अंकिता को ऋषिकेश के निकट चीला नहर तक ले जाने के लिए किया था. एसआइटी ने घटना के दिन ठहरने वाले अतिथियों की सूची प्राप्त करके कई भौतिक साक्ष्य इकट्ठा कर लिए हैं जबकि सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल, सीडीआर जैसे इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों का विश्लेषण और अध्ययन किया जा रहा है.
एसआईटी ने रिजॉर्ट में पूर्व में कार्य कर चुके एक दंपति, कई अन्य पूर्व कर्मचारियों तथा अन्य संबंधित लोगों को भी पूछताछ के लिए बुलाया है. रिजॉर्ट में पूर्व में काम कर चुके दंपति ने दावा किया है कि रिजॉर्ट में पहले से ही ‘गलत प्रकार’ की गतिविधियां चल रही थीं और आर्य का अपने कर्मचारियों से व्यवहार ठीक नहीं था. पौड़ी जिले के यमकेश्वर में गंगा भोगपुर में वनंत्रा रिजॉर्ट में कार्यरत 19 वर्षीया अंकिता की कथित रूप से रिजॉर्ट मालिक आर्य ने अपने दो कर्मचारियों, प्रबंधक सौरभ भास्कर और सहायक प्रबंधक अंकित गुप्ता के साथ मिलकर ऋषिकेश के निकट चीला नहर में धकेलकर हत्या कर दी थी. पुलकित हरिद्वार के पूर्व भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता विनोद आर्य का पुत्र है जो पूर्व में दर्जाधारी राज्य मंत्री रह चुके हैं. घटना के सामने आने के बाद भाजपा ने आर्य को पार्टी से निष्कासित कर दिया था.