नाइकी और डायनेस्टी गोल्ड कंपनियों पर आरोप है कि उन्हें चीन में मौजूद अपनी सप्लाई चेन और उत्पादन व्यवस्था में उइगुर मुसलमानों से जबरन मजदूरी का फायदा मिला है.ये जांच कनाडा की 13 कंपनियों के खिलाफ आई शिकायतों पर शुरूआती कार्रवाई करने के बाद हुई है. शिकायतें जून 2022 में 28 नागरिक संगठनों के एक समूह ने की थी. पिछले साल संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार प्रमुख ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि चीन शिनजियांग में मौजूद एक करोड़ उइगुर मुसलमानों के साथ जो व्यवहार कर रहा है, वह मानवता के खिलाफ अपराध की श्रेणी में आ सकते हैं. ये जांच कैनेडियन ओंबुड्सपर्सन फॉर रिस्पॉंसिबल एंटरप्राइज यानी कोर करेगा.
चीन में उइगुरों के अधिकारों के समर्थन में कमी क्यों
पहली छानबीन
बिजनेस से जुड़ी व्यवस्थाओं में मानवाधिकारों पर नजर रखने के लिए 2017 में बने कोर के लिए इस तरह की यह पहली जांच होगी. दूसरी ग्याहर कंपनियों के ऑपरेशन से जुड़ी व्यवस्थाओं की जांच अभी चल रही है.
कोर ने अपने बयान में कहा है कि नाइकी कनाडा और डायनेस्टी गोल्ड ने कथित तौर पर चीन में उइगुर मजदूरों के इस्तेमाल से फायदा उठाया है. डायनेस्टी गोल्ड ने अपने बचाव में इसे "पूरी तरह बेबुनियाद" बताया. कोर के पास कार्रवाई करने के लिए कानूनी ताकत नहीं है. अगर जांच में कुछ मिलता है तो रिपोर्ट आगे संसदीय समिति को भेजी जा सकती है.
उइगुर मानवाधिकार उल्लंघनः 50 देशों ने एक बयान जारी कर की चीन की आलोचना
क्या कहता है चीन
पिछले कुछ सालों के दौरान अमेरिका और कनाडा की कईं बहुदेशीय कंपनियों पर ये आरोप लगा है कि उन्हें चीन में उइगुर मुसलमानों से जबरन मजदूरी कराने के सिलसिले से सीधे तौर पर या सप्लाई चेन के जरिए लाभ हुआ है. चीन ने लगातार इस बात से इनकार किया है कि उसके यहां उइगुरों के साथ ऐसा कुछ हो रहा है. कनाडा में मौजूद चीनी दूतावास ने अपने बयान में फिर दोहराया है कि शिनजियांग में सभी समुदायों के मजदूरों के अधिकार सुरक्षित हैं.
एसबी/ओएसजे (एएफपी)