नयी दिल्ली, 14 फरवरी: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि भारत के पास प्रतिभा और नवोन्मेष की कोई कमी नहीं है और यदि दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था, अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) में बड़ी भूमिका निभाती है तो इस संगठन को फायदा होगा. प्रधानमंत्री मोदी ने आईईए की मंत्रिस्तरीय बैठक को अपने वीडियो संबोधन में कहा कि भारत ने अपने पेरिस जलवायु लक्ष्यों को निर्धारित समय से पहले ही पार कर लिया है और वैश्विक मुद्दों के समाधान के लिए प्रतिबद्ध है.
उन्होंने कहा कि वैश्विक आबादी का 17 प्रतिशत हिस्सा भारत में रहने के बावजूद इसका कार्बन उत्सर्जन वैश्विक आबादी का केवल चार प्रतिशत है और वह ऊर्जा पहुंच को लेकर कुछ बड़े कदम भी उठा रहा है. प्रधानमंत्री ने आईईए को उसकी 50वीं वर्षगांठ पर बधाई देते हुए कहा, ‘‘मुझे यकीन है कि जब भारत इसमें बड़ी भूमिका निभाएगा तो आईईए को फायदा होगा.’’ उन्होंने कहा, ‘‘समावेशन से किसी भी संस्थान की विश्वसनीयता और क्षमता बढ़ती है.’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि 1.4 अरब भारतीयों के पास प्रतिभा, प्रौद्योगिकी और नवाचार का खजाना है, भारत के पास गति, मात्रा और गुणवत्ता की भी कोई कमी नहीं है. मोदी ने भारत को दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बताते हुए कहा कि सतत वृद्धि के लिए ऊर्जा सुरक्षा और स्थिरता की जरूरत है. उन्होंने कहा, ‘‘एक दशक में हम दुनिया की 11वीं बड़ी अर्थव्यवस्था से पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था पर पहुंच गए। इसी अवधि में, हमारी सौर ऊर्जा क्षमता 26 गुना बढ़ी है.
हमारी नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता भी दोगुनी हो गई है. हमने समयसीमा से पहले इस संबंध में अपनी पेरिस प्रतिबद्धताओं को पार कर लिया है.’’ मोदी ने कहा, ‘‘हम जलवायु परिवर्तन से निपटने को पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं.’’ भारत ने अपने उत्सर्जन तीव्रता से संबंधित लक्ष्यों को निर्धारित समय-सीमा से 11 साल पहले और गैर-जीवाश्म ईंधन लक्ष्यों को निर्धारित समय से नौ साल पहले हासिल किया है. देश का लक्ष्य अब 2005 के स्तर से 2030 तक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की उत्सर्जन तीव्रता को 45 प्रतिशत तक कम करना और 2030 तक कुल स्थापित क्षमता का 50 प्रतिशत गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित ऊर्जा संसाधनों से प्राप्त करना है.
भारत ने 2070 तक शुद्ध रूप से शून्य कार्बन उत्सर्जन वाली अर्थव्यवस्था बनने के लिए भी प्रतिबद्धता जताई है. प्रधानमंत्री मोदी ने अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन और 'मिशन लाइफ' जैसी प्रमुख पहलों में भारत के सक्रिय दृष्टिकोण की भी बात कही. उन्होंने भारत की जी20 अध्यक्षता के दौरान शुरू की गई पहल 'वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन' का समर्थन करने के लिए आईईए को धन्यवाद दिया. दुनिया भर के ऊर्जा और जलवायु मंत्रियों ने आईईए की 2024 मंत्रिस्तरीय बैठक के लिए 13-14 फरवरी को पेरिस में ऊर्जा बाजारों, नीतियों और संक्रमणों में नवीनतम विकास का जायजा लेने और आने वाले वर्षों के लिए एजेंसी की रणनीतिक दिशा निर्धारित करने के लिए बैठक की.
आईईए की स्थापना 1974 में तेल आपूर्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए की गई थी. तब से, इसकी भूमिका विकसित हुई है और इसे ऊर्जा सुरक्षा और स्वच्छ ऊर्जा संक्रमण पर वैश्विक बातचीत के केंद्र में रखा गया है. आईईए की मंत्रिस्तरीय बैठक वैश्विक स्तर पर ऊर्जा बाजारों और स्वच्छ ऊर्जा बदलाव के लिहाज से महत्वपूर्ण समय पर हो रही है. प्रमुख मुद्दों में रूस-यूक्रेन युद्ध से जुड़ी ऊर्जा सुरक्षा के जोखिम, पश्चिम एशिया और उससे आगे के भू-राजनीतिक तनाव और दुबई में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (कोप28) के परिणामों को पूरा करने के अंतर्राष्ट्रीय प्रयास शामिल हैं.
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