नयी दिल्ली, 21 अक्टूबर भारत में लगभग 32.5 प्रतिशत कॉलेज छात्र पहले से ही नवोदित उद्यमी हैं जो सक्रिय रूप से अपना व्यवसाय शुरू करने में लगे हुए हैं और यह आंकड़ा 25.7 प्रतिशत के वैश्विक औसत से काफी अधिक है। मंडी स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी-मंडी) द्वारा तैयार की गई एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
‘जीयूईएसएसएस इंडिया 2023’ नामक रिपोर्ट में यह आंकड़ा दिया गया है। यह रिपोर्ट ‘ग्लोबल यूनिवर्सिटी एंटरप्रेन्योरियल स्पिरिट स्टूडेंट्स सर्वे (जीयूईएसएसएस) के ‘भारत चैप्टर’ द्वारा विद्यार्थियों की उद्यमिता को लेकर किये गए सर्वेक्षण पर आधारित है।
‘जीयूईएसएसएस इंडिया 2023’ एक वैश्विक शोध परियोजना है जिसमें दुनियाभर के 57 देशों के विद्यार्थियों की उद्यमिता पर व्यापक सर्वेक्षण शामिल है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के 14 प्रतिशत विद्यार्थी स्नातक होने के तुरंत बाद संस्थापक बनने की योजना बनाते हैं, जो 15.7 प्रतिशत के वैश्विक औसत के करीब है। इसके मुताबिक, 31.4 प्रतिशत छात्र स्नातक होने के पांच साल बाद खुद का उद्यम करने का इरादा रखते हैं, जबकि इसकी तुलना में वैश्विक औसत 30 प्रतिशत है।
इसमें कहा गया है कि भारत के 32.5 प्रतिशत कॉलेज छात्र पहले से ही नवोदित उद्यमी हैं जो सक्रिय रूप से अपना व्यवसाय शुरू करने में लगे हुए हैं। यह आंकड़ा वैश्विक औसत 25.7 प्रतिशत से अधिक है।
भारत में अपनी तरह का पहला ‘जीयूईएसएसएस इंडिया 2023’ सर्वेक्षण नवंबर 2023 से फरवरी 2024 के बीच आयोजित किया गया, जिसमें देश भर के सैकड़ों उच्च शिक्षण संस्थानों के 13,896 विद्यार्थियों से प्रतिक्रियाएं प्राप्त हुईं।
रिपोर्ट के मुख्य लेखक और आईआईटी मंडी के ‘ प्रबंध स्कूल’ में एसोसिएट प्रोफेसर पूरन सिंह ने कहा, ‘‘हम पहले से ही दुनिया भर में तीसरे सबसे बड़े स्टार्टअप पारिस्थितिकी हैं। हमारे पास दुनिया में सबसे बड़ी युवा आबादी भी है। युवाओं की उद्यमिता क्षमता का दोहन हमारे देश के विकास के लिए महत्वपूर्ण होगा।’’
जबकि 69.7 प्रतिशत छात्र शुरू में स्नातक स्तर की पढ़ाई के बाद रोजगार का लक्ष्य रखते थे, लेकिन पांच वर्षों में यह आंकड़ा गिरकर 52.2 प्रतिशत हो जाता है, उस अवधि के दौरान 31 प्रतिशत छात्र उद्यमी बनने की इच्छा रखते हैं, जो स्नातक स्तर पर 14 प्रतिशत से अधिक है।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘भारतीय छात्र वैश्विक स्तर पर उच्चतम उद्यमशीलता का इरादा दिखाते हैं, सात अंक वाली स्केल पर इनका औसत स्कोर 4.6 है जो वैश्विक औसत 3.7 से काफी अधिक है। कम से कम 38 प्रतिशत विद्यार्थी उद्यम की स्थापना में शामिल हैं, नवोदित उद्यमिता के चरण में 33 प्रतिशत विद्यार्थी शामिल हैं जो वैश्विक प्रतिस्पर्धियों से अधिक है। हालांकि, केवल 4.8 प्रतिशत नव उद्यमी ही राजस्व-सृजन के चरण तक पहुंच पाए हैं, जो विकास की संभावना को उजागर करता है।’’
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