न्यूयॉर्क/सूरी, दो मार्च अमेरिका में भारतीयों और भारतीय-अमेरिकी पर हुए एक और हमले में 34 वर्षीय एक शास्त्रीय नर्तक की मिसौरी के सेंट लुइस में गोली मारकर हत्या कर दी गई।
कुचीपुड़ी एवं भरतनाट्यम नर्तक अमरनाथ घोष को सेंट लुइस एकेडमी और सेंट्रल वेस्ट इंड इलाके की सीमा के निकट कई गोलियां मारी गईं। उनकी मौके पर ही मौत हो गई। वह पिछले साल अमेरिका आए थे।
समाचार पोर्टल ‘5 ऑन योर साइड’ की शुक्रवार की खबर के अनुसार, सेंट लुइस मेट्रोपोलिटन पुलिस विभाग के अनुसाार, डेलमर बौलेवार्ड और क्लेरेंडन एवेन्यू में मंगलवार शाम सात बजकर 15 मिनट पर यह गोलीबारी हुई।
इस बीच, अमरनाथ के चाचा श्यामल घोष ने शनिवार को कहा कि अमेरिका में उनके भतीजे की मौत के बारे में उन्हें अब तक विस्तृत जानकारी नहीं मिली है, जबकि घटना को चार दिन बीत चुके हैं।
श्यामल घोष ने पश्चिम बंगाल के सूरी में कहा, ‘‘हमने विभिन्न स्रोतों से जो कुछ सुना था उसके बारे में जिला पुलिस और प्रशासन को सूचित किया है। लेकिन आज तक हमें उसकी मौत के बारे में कोई विवरण नहीं मिला है।’’
घोष वाशिंगटन विश्वविद्यालय के ‘परफॉर्मिंग आर्ट्स’ विभाग से स्नातकोत्तर की पढ़ाई कर रहे थे।
उनकी हत्या के बाद, शिकागो स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास को स्थानीय पुलिस और विश्वविद्यालय के समक्ष यह मुद्दा उठाया।
मृतक अमरनाथ घोष के रिश्तेदारों को हरसंभव मदद का उल्लेख करते हुए शिकागो में भारत के वाणिज्य दूतावास ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया कि उसने निंदनीय हमले की जांच के लिए सेंट लुइस पुलिस और विश्वविद्यालय के समक्ष मामले को दृढ़ता से उठाया है।
सेंट लुइस में मृतक के परिवार और दोस्तों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए इसने कहा, ‘‘हम फॉरेंसिक विभाग, पुलिस के साथ जांच कर रहे हैं और सहायता प्रदान कर रहे हैं।’’
अमरनाथ के माता-पिता अब जीवित नहीं हैं। अमरनाथ बंगाल के सूरी शहर के सुभाष पल्ली इलाके में रहते थे। वह अपने माता-पिता की इकलौती संतान थे।
स्थानीय पार्षद सुपर्णा रॉय ने भी कहा कि उन्हें हत्या के बारे में कोई जानकारी नहीं है।
अमरनाथ की मित्र एवं अभिनेत्री देवलीना भट्टाचार्य ने शनिवार को ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘उम्मीद है कि हमें इस जघन्य अपराध के बारे में अद्यतन सूचना जल्द से जल्द मिलेगी। अगर मैं गलत नहीं हूं तो यह दो महीने में भारतीय छात्रों की पांचवीं या छठी हत्या है। हम सभी यहां चिंतित और दुखी हैं।’’
वह भट्टाचार्य ही थीं, जिन्होंने सबसे पहले घोष की मौत के बारे में सोशल मीडिया पर अधिकारियों को सूचित किया था।
भट्टाचार्य ने इस विषय पर गौर करने के लिए अमेरिका में भारतीय दूतावास के ‘एक्स’ हैंडल, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर को टैग किया।
उन्होंने शुक्रवार को कहा, ‘‘वह परिवार की इकलौती संतान थे। उनकी माँ की तीन साल पहले मृत्यु हो गई थी। बचपन में ही, उनके पिता का निधन हो गया... हत्या का कारण, आरोपी का विवरण... कुछ भी अब तक सामने नहीं आया है...।’’
अमेरिका में, 2024 की शुरुआत से अब तक भारतीय और भारतीय मूल के कम से कम आधा दर्जन छात्रों की मौत हुई है। हमलों की संख्या में वृद्धि ने समुदाय में चिंता पैदा कर दी है।
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