नयी दिल्ली, 22 अगस्त : तालिबान (Taliban) के कब्जे के बाद अफगानिस्तान में संशय, भय, असुरक्षा और अफरातफरी की स्थिति है जिसके चलते कई देश अपने राजनयिकों और नागरिकों को अफगानिस्तान से निकालने में जुटे हैं, साथ ही तालिबान की वापसी को दुनिया, खास तौर पर दक्षिण एशिया की भू-राजनीति में बड़े बदलाव के घटनाक्रम के रूप में देखा जा रहा है.
अफगानिस्तान में बीते दो दशकों में किये गये विकास कार्यों और भारी निवेश के बीच भारत के लिए अब स्थिति अधिक मुश्किल होती दिख रही है . यह भी पढ़ें : Afghanistan Crisis: 168 लोगों को लेकर काबुल से दिल्ली रवाना हुआ भारतीय वायुसेना का विमान, विदेश मंत्रालय ने दी जानकारी
अफगानिस्तान की वर्तमान स्थिति पर पेश है किर्गिजिस्तान में भारत के पूर्व राजदूत एवं सामरिक मामलों के विशेषज्ञ फुनचोक शतोब्दन से ‘‘ के पांच सवाल और उनके जवाब’’ :