नयी दिल्ली, 15 अक्टूबर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने वैश्विक चुनौतियों का उल्लेख करते हुए मंगलवार को कहा कि भारत बहुपक्षवाद का एक प्रबल समर्थक रहा है।
लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, जिनेवा में अंतर-संसदीय संघ (आईपीयू) की 149वीं असेंबली में भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे बिरला ने अपने संबोधन में यह टिप्पणी की।
बिरला ने कहा कि विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्र में संसदों के बीच संवाद और सहयोग आमजन की भलाई के लिए महत्वपूर्ण है।
जलवायु परिवर्तन और ऊर्जा सुरक्षा को लेकर उन्होंने कहा कि पिछले दशक में भारत की अक्षय ऊर्जा क्षमता 76 गीगावाट से बढ़कर 203 गीगावाट हो गई है।
बिरला ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हुए ग्रीन हाइड्रोजन मिशन, अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन और जैव-ईंधन गठबंधन जैसी पहलों के बारे में भी बात की।
प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक उपयुक्त नियामक प्रणाली, नागरिकों की डाटा गोपनीयता की सुरक्षा, एआई के उचित उपयोग और प्रौद्योगिकी के लाभ को समान रूप से साझा करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए लोकसभा अध्यक्ष ने आग्रह किया कि ऐसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर आईपीयू मंच के साथ-साथ राष्ट्रीय संसदों में भी चर्चा की जानी चाहिए।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)