नयी दिल्ली, 22 अक्टूबर: भारत और यूरोपीय संघ (European Union) ने बृहस्पतिवार को साइबर स्पेस (cyber space), परमाणु अप्रसार, समुद्री सुरक्षा और आतंकवाद से प्रभावी तरीके से निपटने के तरीकों सहित कई प्रमुख क्षेत्रों में अपने समग्र सहयोग की समीक्षा की. यह समीक्षा ‘भारत-यूरोपीय संघ की विदेश नीति और सुरक्षा परामर्श’ की एक आनलाइन बैठक में की गई. इस बैठक की सह-अध्यक्षता विदेश मंत्रालय के सचिव (पश्चिम) विकास स्वरूप और ‘यूरोपियन एक्सटर्नल एक्शन सर्विस’ (European External Action Service) में राजनीतिक मामलों के लिए उप महासचिव एनरिक मोरा ने की.
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि दोनों पक्षों ने कोविड-19 के बाद की दुनिया में भारत-यूरोपीय संघ (India-Europian Union) की रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के अवसरों पर चर्चा की, जिसमें स्वास्थ्य सेवा, वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला और सुधार किया बहुपक्षवाद शामिल है. मंत्रालय के बयान में कहा गया कि दोनों पक्षों ने भारत-यूरोपीय संघ शिखर सम्मेलन में लिए गए निर्णयों का जायजा लिया और दोनों पक्षों के नेतृत्व द्वारा तैयार की गई रूपरेखा को लागू करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहरायी. भारत-यूरोपीय संघ (India-Europian Union) शिखर सम्मेलन जुलाई में हुआ था.
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बयान में कहा गया, ‘‘उन्होंने भारत और यूरोपीय संघ के बीच विभिन्न संस्थागत तंत्रों के कामकाज की समीक्षा की, जिसमें साइबर सुरक्षा, आतंकवाद का मुकाबला, समुद्री सुरक्षा और परमाणु निरस्त्रीकरण और परमाणु अप्रसार शामिल है. साथ ही भारत-यूरोपीय संघ सुरक्षा साझेदारी के तहत बढ़े हुए सहयोग की संभावनाओं का पता लगाया.’’
इसमें कहा कि दोनों पक्षों ने वैश्विक आर्थिक सुधार के लिए भारत-यूरोपीय संघ के सहयोग के महत्व पर भी ध्यान दिया और जल्द ही व्यापार और निवेश पर एक उच्च-स्तरीय वार्ता आयोजित करने पर सहमति व्यक्त की. उन्होंने कहा, ‘‘दोनों पक्षों ने पारस्परिक हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया और 2021 में पुर्तगाल में होने वाली अगले भारत-यूरोपीय संघके नेताओं की बैठक के लिए करीबी सहयोग बनाए रखने पर सहमति व्यक्त की.’’
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