लाल किले पर स्वतंत्रता दिवस का जश्न: हेलिकॉप्टरों से की गई पुष्पवर्षा, ओलंपिक खिलाड़ी मुख्य आकर्षण
दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले पर 75वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में वायु सेना के दो हेलिकॉप्टरों से की गई पुष्पवर्षा, “कोरोना योद्धाओं के लिए” समारोह स्थल पर बैठने की अलग व्यवस्था, विशिष्ट अतिथियों के रूप में शामिल ओलंपिक खिलाड़ी और शारीरिक दूरी का पालन कर रहे दर्शक मुख्य झलकियों में शामिल थे.
नयी दिल्ली, 15 अगस्त: दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले पर 75वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में वायु सेना के दो हेलिकॉप्टरों से की गई पुष्पवर्षा, “कोरोना योद्धाओं के लिए” समारोह स्थल पर बैठने की अलग व्यवस्था, विशिष्ट अतिथियों के रूप में शामिल ओलंपिक खिलाड़ी और शारीरिक दूरी का पालन कर रहे दर्शक मुख्य झलकियों में शामिल थे. कोरोना वायरस के कारण स्वतंत्रता दिवस समारोह में लगातार दूसरे वर्ष कमी की गई, जिसमें उपस्थित लोग मास्क पहने हुए थे और एक दूसरे से छह फुट की दूरी पर बैठे थे, जो महामारी के कारण “नयी सामान्य स्थिति” को दर्शा रहे थे. स्कूली बच्चे, जो आमतौर पर राष्ट्रीय ध्वज के रंगों की पोशाक में कार्यक्रम में शामिल होते थे, इस बार भी मौजूद नहीं थे. इसकी बजाय 500 एनसीसी कैडेटों को कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया था. लाल धारियों के साथ केसरिया साफा पहने, प्रधानमंत्री ने रविवार को लाल किले की प्राचीर से अपना लगातार आठवां भाषण दिया. लेफ्टिनेंट कमांडर पी प्रियंबदा साहू ने राष्ट्रीय ध्वज फहराने में प्रधानमंत्री की मदद की.
वार्षिक कार्यक्रम जिसमें सामान्य तौर पर हर आयु वर्ग के लोगों की भीड़ उमड़ती थी, उसमें लगातार दूसरे वर्ष निर्धारित सुरक्षा प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए, दुनिया भर में कहर बरपाने वाले कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए कटौती की गई. अहातों और गलियारों में रंगीन कालीन, बैठने और चलने की जगहें अलग-अलग रंगों से चिह्नित और पोस्टरों में सामाजिक दूरी के मानदंड वाले संदेश जैसे 'छह फुट की दूरी बनाए रखें', 'मास्क पहनें', कार्यक्रम स्थल पर मुख्य रूप से नजर आए.
कैबिनेट के सबसे वरिष्ठ मंत्री ऊपरी मंच पर बैठे थे. अतिथि, सुरक्षा स्टाफ, अति विशिष्ट व्यक्ति, सभी सुरक्षा नियमों के तहत मास्क लगाए हुए थे. उमस भरे मौसम के कारण अतिथियों को हाथ से बने पंखों ने काफी राहत दी जिन्हें स्थानीय उत्पादों को लोकप्रिय बनाने के लिए रक्षा मंत्रालय दवारा आदिवासी कार्य मंत्रालय की एजेंसी ट्राईफेड द्वारा खरीदा गया था.
मुख्य प्रवेश द्वार पर, सुरक्षा द्वारों के पास सैनिटाइजर डिस्पेंसर रखे गए थे. अंदर, कुर्सियों को सभी अहातों में सावधानीपूर्वक हिसाब से रखा गया था. जिस प्राचीर पर वीवीआईपी बैठे थे, वहां भी शारीरिक दूरी के नियम लागू थे. कार्यक्रम स्थल और शहर में अन्य जगहों पर सुरक्षा के सख्त इंतजाम लागू रहे. लाल किले पर बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था थी। कार्यक्रम स्थल के चारों ओर एनएसजी स्नाइपर्स, स्वात कमांडो और पतंग पकड़ने वालों का एक सुरक्षा घेरा भी लगाया गया था और 350 से अधिक कैमरे लगाए गए थे. पुलिस के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर में वायु सेना केंद्र पर हाल में हुए आतंकवादी हमले के मद्देनजर ड्रोन रोधी प्रणालियां भी लाल किले पर लगाई गई थीं. उन्होंने बताया कि शारीरिक दूरी के मानदंडों का पालन करते हुए लगभग 5,000 सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया था.
दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा कारणों से लाल किले के मुख्य द्वार पर भित्तिचित्रों से सजे कंटेनर की एक विशाल दीवार खड़ी कर दी थी. कंटेनरों को इस तरह से रखा गया था कि जब प्रधानमंत्री ने राष्ट्र को संबोधित किया तो कोई भी किले के परिसर के अंदर नहीं देख पा रहा था. यह कदम तब उठाया गया, जब कृषि बिल का विरोध कर रहे कई किसान ट्रैक्टर चलाकर लाल किले में पहुंच गए थे और 26 जनवरी को स्मारक में प्रवेश कर वहां एक धार्मिक झंडा फहरा दिया था. पहली बार, जैसे ही प्रधानमंत्री ने तिरंगा फहराया, ‘अमृत फॉर्मेशन’ में वायु सेना के दो एमआई-17 1वी हेलीकॉप्टरों द्वारा कार्यक्रम स्थल पर फूलों की पंखुड़ियों की वर्षा की गई.
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रक्षा मंत्रालय ने बताया कि ओलंपिक में पदक जीतने वाले 32 एथलीटों और भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के दो अधिकारियों को समारोह में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया था. महामारी से लड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए “कोरोना योद्धाओं” को सम्मानित करने के लिए लाल किले की प्राचीर के दक्षिण की ओर एक अलग खंड बनाया गया था. भारत अपने 75वें स्वतंत्रता दिवस को 'आजादी का अमृत महोत्सव' के रूप में मना रहा है, जिसके तहत देश भर में कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है.
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