कराची, 25 नवंबर: जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी ने चुनाव आयोग के उस आदेश के खिलाफ सिंध उच्च न्यायालय का रुख किया है जिसमें उसे निर्देश दिया गया है कि ‘बल्ले’ पर चुनाव चिह्न के तौर पर कब्ज़ा बरकरार रखने के लिए पार्टी में 20 दिन में आंतरिक चुनाव कराए जाएं. खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी ने प्रतिवादियों को आगामी आम चुनावों के लिए सभी राजनीतिक दलों को समान अवसर दिए जाने का निर्देश देने का आग्रह किया है.
पार्टी ने न्यायिक अधिकारियों की जिला चुनाव अधिकारियों के रूप में नियुक्ति कर न्यायिक निगरानी के तहत स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने का निर्देश दिए जाने की भी मांग की. पाकिस्तान में आठ फरवरी को आम चुनाव होना है. ‘डॉन’ अखबार ने शनिवार को खबर दी कि पीटीआई के सिंध प्रांत के प्रमुख हलीम आदिल शेख और सेवानिवृत्त न्यायाधीश नूर-उल-हक एन. कुरैशी ने शुक्रवार को अपने वकील के जरिए याचिका दायर की जिसमें कैबिनेट सचिव, मुख्य सचिव और पाकिस्तान के चुनाव आयोग को पक्षकार बनाया गया है.
याचिका दायर करने से एक दिन पहले ही बृहस्पतिवार को चुनाव आयोग ने पूर्व क्रिकेटर की पीटीआई को निर्देश दिया था कि वह पार्टी के चुनाव चिह्न के तौर पर ‘बल्ले’ पर कब्ज़ा बरकरार रखने के लिए 20 दिन के अंदर आंतरिक चुनाव कराएं. चुनाव आयोग ने यह भी कहा था कि पार्टी ने अपने संविधान के मुताबिक पारदर्शी चुनाव नहीं कराए हैं. चुनाव आयोग ने अगले सात दिनों के भीतर एक व्यापक रिपोर्ट भी मांगी है.
याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि पीटीआई को चुनाव लड़ने से रोकने की कोशिश के तहत प्रतिवादियों ने आपस में सांठगांठ की है और दावा किया कि पार्टी ने कई चुनौतियों का सामना किया है जिनमें पार्टी के नेतृत्व के खिलाफ मामले दर्ज किए जाने और बोलने की आज़ादी पर प्रतिबंध शामिल है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इस बात की गंभीर आशंका है कि ये सब इसलिए किया जा रहा है ताकि पीटीआई का चुनाव चिह्न प्रतिवादियों के ‘पसंदीदा’ अन्य दल को दिया जा सके. खान पाकिस्तान के पूर्व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खिलाड़ी हैं और उन्हें ‘बल्ले’ (क्रिकेट) का पर्यायवाची माना जाता है। वह फिलहाल रावलपिंडी की अडियाला जेल में बंद हैं.
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