मुंबई/ठाणे, 19 जनवरी : महाराष्ट्र के ठाणे और पालघर में मंगलवार को भाजपा ने कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख नाना पटोले के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया और उनकी गिरफ्तारी की मांग की. यह विरोध प्रदर्शन एक वीडियो को लेकर किया गया जिसमें पटोले कथित रूप से यह कहते हुए सुने गए कि वह ‘‘मोदी को पीट सकते हैं और गाली दे सकते हैं.’’ भाजपा की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने संवाददाताओं से कहा, ''अगर अपनी कथित टिप्पणी को लेकर नारायण राणे को गिरफ्तार किया जा सकता है, तो नाना पटोले को भी किया जा सकता है. महाविकास अघाड़ी सरकार लगभग एक जैसी टिप्पणी के मामले में अलग व्यवहार कर रही है.'' भाजपा नेता राणे को अगस्त 2021 में उनकी उस कथित टिप्पणी के लिए गिरफ्तार किया गया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह भारत की स्वतंत्रता का साल नहीं जानने के चलते मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को थप्पड़ लगाते. बाद में राणे जमानत पर रिहा हुए थे.
टीवी चैनलों पर सोमवार को इसे दिखाए जाने और नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस की तरफ से ट्वीट किए जाने के बाद वीडियो व्यापक रूप से प्रसारित हुआ. हालांकि पटोले ने सफाई देते हुए कहा कि भंडारा जिले के ग्रामीणों से बातचीत के दौरान उन्होंने जिस ‘मोदी’ का उल्लेख किया, वह प्रधानमंत्री न होकर एक स्थानीय गुंडा है. पटोले के खिलाफ औरंगाबाद, नासिक, पुणे और नांदेड़ समेत कई जगहों पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शन में भाग लेने वालों में स्थानीय बीवाईजेएम इकाई के उपाध्यक्ष मनोज बरोट, केडीएमसी इकाई के अध्यक्ष श्रीकांत कांबले, पालघर इकाई के प्रमुख नंदकुमार पाटिल और ठाणे बीवाईजेएम के अध्यक्ष सारंग मेधेकर शामिल थे. ठाणे नगर निगम में भाजपा समूह के नेता मनोहर धुंब्रे ने पटोले के खिलाफ कपूरबावड़ी थाने में शिकायत दर्ज कराई है. यह भी पढ़ें : COVID-19: कर्नाटक में कोरोना के 41,457 नए मामले, 20 लोगों की मौत
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता एवं महाराष्ट्र के विधायक संभाजी पाटिल निलंगेकर ने मंगलवार को कहा कि कांग्रेस की राज्य इकाई के प्रमुख नाना पटोले को उस व्यक्ति की पहचान का खुलासा करना चाहिए, जिसका उन्होंने अपनी विवादास्पद ‘मोदी’ टिप्पणी के दौरान जिक्र किया था. निलंगेकर ने एक बयान में कहा कि पटोले को उस ‘‘गुंडे की तस्वीर के साथ उसकी जानकारी’’ साझा करनी चाहिए, जिसका वह जिक्र कर रहे थे. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस राजनीति में हिंसा को बढ़ावा दे रही है.