नयी दिल्ली, 20 दिसंबर अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) के महासचिव कुशल दास ने सोमवार को कहा कि पहले की योजना के मुताबिक आई-लीग चैंपियन टीम 2023 से शीर्ष स्तर की घरेलू प्रतियोगिता इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) में खेलेगी।
दास ने कहा कि एशियाई फुटबॉल परिसंघ (एएफसी) से परामर्श के बाद 2019 में एआईएफएफ द्वारा तैयार किए गए भारतीय फुटबॉल के घरेलू ढांचे के खाका में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
उस समय आईएसएल को शीर्ष स्तर की लीग का दर्जा देते हुए, एआईएफएफ ने कहा था कि आई-लीग चैंपियन (2022-23 सत्र का) आईएसएल 2023-24 सत्र में भाग लेने की योग्यता रखेगा।
इसके दो साल बाद दोनों लीग के बीच प्रमोशन (आई-लीग से आईएसएल में) और रेलीगेशन (आईएसएल और आई-लीग से) होगा।
दास ने यहां ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ एक खाका है जो 2023-24 सत्र से शुरू होगा। इसके तहत आई-लीग (2022-23 सत्र) के विजेता खेल योग्यता के आधार पर आईएसएल में खेलेंगे। आईएसएल में टीम की संख्या में इजाफा होगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ यह दो साल तक जारी रहेगा और उसके बाद रेलीगेशन (आईएसएल से आई-लीग तक) और प्रमोशन (आई-लीग से आईएसएल तक) की स्पष्ट प्रक्रिया होगी। इस योजना पर सभी हितधारकों - आईएसएल और आई-लीग से जुड़े क्लबों, एएफसी और एआईएफएफ ने सहमति व्यक्त की है। ’’
आई-लीग 2022-23 के चैंपियन को हालांकि आईएसएल के अगले सत्र में खेलने के लिए ‘लाइसेंसिंग’ मानदंडों को पूरा करना होगा।
आई-लीग का आगामी सत्र 26 दिसंबर से कोलकाता में मणिपुर के टीआरएयू एफसी और इंडियन एरोज की टीम के बीच खेले जाने वाले मैच से होगा।
पिछले साल की तरह, आई-लीग का आयोजन जैव-सुरक्षित माहौल में कोविड-19 से जुड़े कड़े प्रोटोकॉल के साथ किया जाएगा। मैच तीन स्थानों कोलकाता के मोहन बागान मैदान, कल्याणी स्टेडियम और नैहाटी स्टेडियम में खेले जाएंगे।
तीन नयी टीम आंध्र प्रदेश के श्रीनिधि डेक्कन एफसी, राजस्थान यूनाइटेड एफसी और कोल्हापुर के केनक्रे एफसी के आने से इस सत्र में टीम की संख्या बढ़कर 13 हो गई है।
लीग के आयोजन से जुड़े रेफरी, अधिकारी, वालंटियर (स्वयंसेवकों) के साथ सभी खिलाड़ियों को इसके आयोजन के दौरान कोलकाता के चार अलग-अलग होटलों में जैव सुरक्षित माहौल के अंदर रहना होगा।
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