Umesh Pal Murder Case: मुझे साबरमती जेल में परेशान किया जा रहा- अतीक अहमद
Atiq Ahmed (Photo Credit : Twitter)

शिवपुरी, 12 अप्रैल : गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद ने बुधवार को दावा किया कि गुजरात के साबरमती केंद्रीय कारागर में उसका उत्पीड़न किया जा रहा है. उसने यह भी दावा किया कि उसका परिवार तो बर्बाद हो गया, लेकिन मीडिया की वजह से वह सुरक्षित है. उत्तर प्रदेश पुलिस की टीम उमेश पाल हत्याकांड के सिलसिले में अतीक को गुजरात के अहमदाबाद शहर में उच्च सुरक्षा वाली साबरमती सेंट्रल जेल से साथ लेकर मंगलवार को सड़क मार्ग से प्रयागराज के लिए रवाना हुई. टीम सुबह पौने सात बजे के आसपास मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के सुरवाया पुलिस थाने में करीब 20 मिनट के लिए रुकी, जहां मीडियाकर्मियों ने अतीक से सवाल पूछे. उत्तर प्रदेश के पूर्व विधायक और लोकसभा सदस्य अतीक (60) ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मेरा परिवार बर्बाद हो गया है. मैं आपकी वजह से सुरक्षित हूं.’’ उसने कहा, ‘‘मैंने वहां (जेल के अंदर) से किसी को फोन नहीं किया, क्योंकि वहां जैमर लगाए गए हैं. मैंने कोई साजिश नहीं रची और पिछले छह साल से सलाखों के पीछे हूं.’’ जब पत्रकारों ने उससे पूछा कि सरकार ने कहा है कि उसे तबाह कर दिया जाएगा, तो अतीक ने कहा, ‘‘उन्होंने मुझे पहले ही तबाह कर दिया है. मुझे साबरमती जेल में भी परेशान किया जा रहा है.’’

इससे पहले, अहमद को 26 मार्च को भी इसी रास्ते से प्रयागराज ले जाया गया था और उस समय भी पुलिस का काफिला शिवपुरी जिले में रुका था. उस समय जब मीडियाकर्मियों ने अतीक से सवाल किया था कि क्या उसे अपनी जान का डर है, तो उसने कहा था, ‘‘काहे का डर.’’ बुधवार को अहमद को प्रयागराज ले जा रहा पुलिस का काफिला सुबह पौने आठ बजे के आसपास झांसी से उत्तर प्रदेश की सीमा में दाखिल हुआ. उमेश पाल और उसके दो पुलिस सुरक्षा गार्डों की इस साल 24 फरवरी को प्रयागराज के धूमनगंज इलाके में उसके घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. उमेश पाल की पत्नी जया पाल द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर 25 फरवरी को अतीक, उसके भाई अशरफ, पत्नी शाइस्ता परवीन, दो बेटों-गुड्डू मुस्लिम और गुलाम तथा नौ अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. उत्तर प्रदेश पुलिस 26 मार्च को भी अतीक को अदालत में पेश करने के लिए साबरमती जेल से प्रयागराज ले गई थी. 28 मार्च को वहां की अदालत ने 2006 के उमेश पाल अपहरण मामले में अतीक और दो अन्य को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. प्रयागराज से लगभग 24 घंटे की सड़क यात्रा के बाद, अतीक को 29 मार्च को पुलिस वैन में गुजरात की उच्च सुरक्षा वाली जेल में वापस लाया गया था. यह भी पढ़ें : टिकट ना मिलने से नाराज पूर्व उपमुख्यमंत्री लक्ष्मण सावदी ने भाजपा छोड़ने की घोषणा की

अतीक और उसके सहयोगियों ने 2006 में उमेश पाल का अपहरण कर लिया था और उसे अदालत में अपने पक्ष में बयान देने के लिए मजबूर किया था. उमेश पाल ने इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई थी. उच्चतम न्यायालय के अप्रैल 2019 के निर्देश पर जेल में रहने के दौरान एक रियल एस्टेट व्यवसायी मोहित जायसवाल के अपहरण और मारपीट के आरोप में अतीक को गुजरात की एक उच्च-सुरक्षा जेल में स्थानांतरित कर दिया गया था. पुलिस ने कहा कि अतीक पर उमेश पाल हत्याकांड सहित 100 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं. सबसे सनसनीखेज हत्या, जिसमें अतीक का नाम सामने आया है, उसमें 2005 में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के विधायक राजू पाल की हत्या शामिल है. इस हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की इसी साल 24 फरवरी को प्रयागराज स्थित उसके आवास के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई. अतीक ने पिछले महीने सुरक्षा के लिए शीर्ष अदालत का रुख किया था. उसने दावा किया गया था कि उसे और उसके परिवार को प्रयागराज में हुए उमेश पाल हत्याकांड में झूठा फंसाया गया है और उत्तर प्रदेश पुलिस उसे फर्जी मुठभेड़ में मार गिरा सकती है.