नई दिल्ली, 17 मार्च: भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (एनआरएआई) अध्यक्ष रनिंदर सिंह (Raninder Singh) ने बुधवार को कहा कि दिल्ली में होने वाला आगामी विश्व कप अन्य देशों के लिये उदाहरण पेश कर सकता है क्योंकि कोविड-19 (COVID-19) महामारी के बीच भारत में ओलंपिक खेलों की पहली अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता है. टूर्नामेंट शनिवार से डा कर्णी सिंह शूटिंग रेंज में शुरू हो रहा है. यह भी पढ़े: Ind vs Eng T20I: करो या मरो के मुकाबले में इंग्लैंड से भिड़ेगा भारत
रनिंदर ने कहा, ‘‘शुक्र है कि भारत सरकार, खेल मंत्रालय और भारतीय खेल प्राधिकरण सभी इस मुश्किल समय में हमारे साथ खड़े रहे और हर पहलू में एनआरएआई का पूरा समर्थन किया जिससे हमारा आत्मविश्वास काफी बढ़ गया.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम उनके सहयोग के शुक्रगुजार हैं और उम्मीद करते हैं कि यह अन्य देशों के लिये उदाहरण पेश करेगा. टीम इंडिया का यह एकजुट प्रयास निश्चित रूप से सफल विश्व कप आयोजित करेगा.’’
पिछले महीने एनआरएआई ने इस साल के पहले राइफल, पिस्टल और शॉटगन निशानेबाजों के लिये संयुक्त आईएसएसएफ विश्व कप के लिये 57 सदस्यीय भारतीय टीम की घोषणा की थी जिसमें तोक्यो ओलंपिक के लिये कोटा हासिल करने वाले 15 निशानेबाज भी शामिल हैं. पुरूष 25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल निशानेबाज अनीश भानवाला हालांकि कोटा धारी नहीं है लेकिन अपनी ऊंची रैंकिंग की बदौलत उनके पास कट हासिल करने का मौका है. लेकिन टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक उन्हें निश्चित रूप से तोक्यो ओलंपिक का कोटा पक्का करवा देगा.
रनिंदर ने पत्रकारों से कहा, ‘‘हम सभी को शुभकामनायें देते हैं, विशेषकर अपनी पुरूष रैपिड फायर पिस्टल टीम को जिसके पास देश को 16वां ओलंपिक कोटा दिलाने का मौका है. ’’ दिल्ली विश्व कप में 30 फाइनल्स खेले जायेंगे जो पहली बार आईएसएसएफ विश्व कप चरण में आयोजित होंगे जिसमें नया टीम प्रारूप भी होगा जिसे पिछले साल वैश्विक संस्था ने मंजूरी दी थी.
उन्होंने कहा, ‘‘सभी कोविड-19 प्रोटोकॉल और सुरक्षा के एहतियात का पालन किया जायेगा और हमें कुछ दिलचस्प मुकाबलों की भी उम्मीद है क्योंकि कई विश्व स्तरीय और महान निशानेबाज हमारे भारतीय सितारों के साथ प्रतिस्पर्धा करेंगे.’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे खिलाड़ियों के लिये यह बहुत ही मुश्किल समय है क्योंकि करीब एक साल तक कोई भी टूर्नामेंट नहीं आयोजित हुआ, लेकिन हम मानते हैं कि वे पेशेवर हैं और दुनिया में सर्वश्रेष्ठ हैं इसलिये वे मजबूत वापसी करेंगे.’’
प्रत्येक वर्ग में तीन निशानेबाज होंगे और एमक्यूएस (न्यूनतम क्वालीफिकेशन स्कोर) वर्ग में भी दो निशानेबाज होंगे. करीब 53 देशों ने प्रविष्टियों की पुष्टि की है जिसमें कोरिया, सिंगापुर, अमेरिका, ब्रिटेन, ईरान, युक्रेन, फ्रांस, हंगरी, इटली, थाईलैंड और तुर्की शामिल हैं.
कुल 294 निशानेबाज शिरकत करेंगे जिसमें 57 सदस्यीय भारतीय दल भी शामिल है और महामारी के कारण लगे लॉकडाउन के बाद दुनिया भर में कहीं भी यह कई देशों की पहली ओलंपिक खेल प्रतियोगिता है. अंतरराष्ट्रीय निशानेबाजी खेल महासंघ के दिशानिर्देशों के अनुसार टूर्नामेंट के लिये किसी भी दर्शक को रेंज में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी. इस टूर्नामेंट में रैंकिंग अंक होंगे जो भानवाला जैसे निशानेबाजों को ओलंपिक कोटा दिलाने में मदद कर सकते हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘सामाजिक दूरी के नियम के अनुसार और खिलाड़ियों के स्वास्थ्य हित को ध्यान में रखते हुए दर्शकों को अनुमति नहीं होगी.’’ टूर्नामेंट में भाग लेने वाले निशानेबाजों को तीन कोविड-19 जांच से गुजरना होगा.