नयी दिल्ली, 1 दिसंबर : विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 2030 तक एड्स महामारी को समाप्त करने के लिए एचआईवी की रोकथाम, उपचार और देखभाल के मामले में सभी को समान अवसर प्रदान करने की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया. डब्ल्यूएचओ की दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्रीय निदेशक डॉ पूनम खेत्रपाल सिंह ने बताया कि विश्व स्तर पर अनुमानित 3.84 करोड़ लोग एचआईवी की समस्या का सामना कर रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि 2021 में अनुमानित 15 लाख लोग एचआईवी संक्रमित थे और लगभग 6,50,000 लोगों की मृत्यु एड्स संबंधी कारणों से हुई. उन्होंने विश्व एड्स दिवस पर कहा कि दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में अनुमानित 38 लाख लोग एचआईवी के साथ जी रहे हैं, जो वैश्विक स्तर पर ऐसे लोगों की संख्या का लगभग 10 प्रतिशत है.
सिंह ने कहा कि 2021 में इस क्षेत्र में अनुमानित 82,000 लोगों की मृत्यु एड्स संबंधी कारणों से हुई थी, जो वैश्विक आंकड़े का 12 प्रतिशत से अधिक है. ‘‘एड्स महामारी को जीवित रखने वाली असमानताएं अपरिहार्य नहीं हैं. साथ मिलकर, हमें प्रत्येक असमानता को समाप्त करना चाहिए और अपने लक्ष्यों एवं प्रयोजनों की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए.’’ वर्ष 2010 और 2021 के बीच इस क्षेत्र में नये एचआईवी संक्रमणों में 42 प्रतिशत की कमी आई है और एचआईवी संबंधी मौतों में 63 प्रतिशत की कमी आई. यह भी पढ़ें : COVID-19 in China: कोविड पॉलिसी को लेकर गुस्से में लोग, राष्ट्रपति चिनफिंग, लॉकडाउन के खिलाफ प्रदर्शन जारी
सिंह ने कहा, ‘‘हमारे पास लोग और आबादी है, जिन तक पहुंचना है और लक्ष्य हासिल करने की ओर बढ़ना है. पूरे क्षेत्र में लगभग 95 प्रतिशत नये एचआईवी संक्रमण यौनकर्मियों, नशे का इंजेक्शन लेने वाले लोगों, पुरुषों के साथ यौन संबंध रखने वाले पुरुषों और ट्रांसजेंडर लोगों में हैं.’’ डब्ल्यूएचओ की वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सिर्फ 22 प्रतिशत युवाओं को एचआईवी की रोकथाम के बारे में जानकारी है और नशे का इंजेक्शन लेने वाले लोगों की जांच के दायरे में सुधार की महत्वपूर्ण गुंजाइश है.