कराची, एक मई पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत में कोविड-19 महामारी के कारण दो साल के विराम के बाद सदियों पुराना वार्षिक हिंगलाज माता उत्सव फिर से शुरू हुआ और इसमें भारत व अन्य देशों के श्रद्धालुओं ने भाग लिया।
बलूचिस्तान में लासबेला जिले के कुंड मलिर क्षेत्र में स्थित प्राचीन मंदिर को हिंदू सभ्यता के सबसे बड़े तीर्थ स्थलों में से एक माना जाता है। यह दुनिया भर के पांच प्राचीन हिंदू मंदिरों में से एक है।
बलूचिस्तान के सीनेटर दानेश कुमार ने कहा, “हमने पिछले साल और इस साल भी त्योहार के लिए हिंदू तीर्थयात्रियों की बड़ी भीड़ देखी, क्योंकि यह कोविड महामारी के कारण दो साल तक आयोजित नहीं हो सका था।”
उन्होंने कहा कि सैकड़ों हिंदू विदेशों से भी आए और कुछ भारत से भी तीन दिवसीय धार्मिक उत्सव के लिए पहुंचे।
कुमार ने कहा, “मकरान तटीय राजमार्ग के माध्यम से शहरी पाकिस्तान से जुड़ने के बाद ऐतिहासिक मंदिर तक अब आसानी से पहुंचा जा सकता है। पहले, भक्तों के लिए मंदिर तक पहुंचना बहुत मुश्किल हुआ करता था क्योंकि यह किर्थर पर्वत श्रृंखला की तलहटी में है।”
उन्होंने कहा कि बलूचिस्तान सरकार ने अशांत प्रांत में तीर्थयात्रियों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए कम से कम 1,000 पुलिसकर्मियों और फ्रंटियर कोर के जवानों को तैनात किया।
यह उत्सव सोमवार को समाप्त हुआ।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)