नयी दिल्ली, 22 नवंबर: दिल्ली उच्च न्यायालय ने चार दिसंबर को रामलीला मैदान में एक बड़ी जनसभा आयोजित करने के लिए अनुमति संबंधी याचिका पर बुधवार को केंद्र, दिल्ली पुलिस और दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) से जवाब मांगा है. दिल्ली पुलिस ने न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद को सूचित किया कि उसे एक अन्य संगठन से रामलीला मैदान में तीन से पांच दिसंबर तक एक कार्यक्रम आयोजित करने के लिए आवेदन मिला है और इसके लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) जारी किया जा चुका है.
इस पर अदालत ने पुलिस से दूसरे संगठन की प्रति और इसे प्राप्त होने की तारीख समेत संबंधित सामग्री उसके समक्ष रखने को कहा.
उच्च न्यायालय ने अगली सुनवाई के लिए 24 नवंबर की तारीख तय की. अदालत ‘मिशन सेव कांस्टीट्यूशन’ की एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी जो जनता के बीच संवैधानिक अधिकारों के बारे में जागरुकता लाने के लिए काम करने का दावा करता है.
याचिकाकर्ता ने कहा कि उन्हें चार दिसंबर को रामलीला मैदान में ऑल इंडिया मुस्लिम महापंचायत आयोजित करने के लिए एनओसी के अपने आवेदन पर मध्य जिले के पुलिस उपायुक्त के फैसले में देरी से परेशानी हो रही है. याचिकाकर्ता संगठन ने पहले 29 अक्टूबर को महापंचायत आयोजित करने की योजना बनाई थी और शुरू में इसकी अनुमति दे दी गई थी लेकिन बाद में इसे वापस ले लिया गया. याचिका में कहा गया, ‘‘बाद में याचिकाकर्ता ने अपना कार्यक्रम चार दिसंबर को आयोजित करने का फैसला किया और 10 नवंबर को रामलीला मैदान की अनुमति के लिए आवेदन किया.’’
दिल्ली पुलिस ने अपने वकील अरुण पंवार के माध्यम से बुधवार की सुनवाई में कहा कि मध्य जिले को महात्यागी सेवा संस्थान से तीन से पांच दिसंबर तक एक कार्यक्रम के आयोजन के लिए आवेदन आठ नवंबर को ही प्राप्त हो गया था और इसके लिए एनओसी दे दी गई है. वकील ने कहा कि महात्यागी सेवा संस्थान को 4 दिसंबर के लिए पहले ही एनओसी दी जा चुकी है, इसलिए उसी तारीख के लिए दूसरे आवेदन पर विचार करना संभव नहीं है.
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)
नयी दिल्ली, 22 नवंबर: दिल्ली उच्च न्यायालय ने चार दिसंबर को रामलीला मैदान में एक बड़ी जनसभा आयोजित करने के लिए अनुमति संबंधी याचिका पर बुधवार को केंद्र, दिल्ली पुलिस और दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) से जवाब मांगा है. दिल्ली पुलिस ने न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद को सूचित किया कि उसे एक अन्य संगठन से रामलीला मैदान में तीन से पांच दिसंबर तक एक कार्यक्रम आयोजित करने के लिए आवेदन मिला है और इसके लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) जारी किया जा चुका है.
इस पर अदालत ने पुलिस से दूसरे संगठन की प्रति और इसे प्राप्त होने की तारीख समेत संबंधित सामग्री उसके समक्ष रखने को कहा.
उच्च न्यायालय ने अगली सुनवाई के लिए 24 नवंबर की तारीख तय की. अदालत ‘मिशन सेव कांस्टीट्यूशन’ की एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी जो जनता के बीच संवैधानिक अधिकारों के बारे में जागरुकता लाने के लिए काम करने का दावा करता है.
याचिकाकर्ता ने कहा कि उन्हें चार दिसंबर को रामलीला मैदान में ऑल इंडिया मुस्लिम महापंचायत आयोजित करने के लिए एनओसी के अपने आवेदन पर मध्य जिले के पुलिस उपायुक्त के फैसले में देरी से परेशानी हो रही है. याचिकाकर्ता संगठन ने पहले 29 अक्टूबर को महापंचायत आयोजित करने की योजना बनाई थी और शुरू में इसकी अनुमति दे दी गई थी लेकिन बाद में इसे वापस ले लिया गया. याचिका में कहा गया, ‘‘बाद में याचिकाकर्ता ने अपना कार्यक्रम चार दिसंबर को आयोजित करने का फैसला किया और 10 नवंबर को रामलीला मैदान की अनुमति के लिए आवेदन किया.’’
दिल्ली पुलिस ने अपने वकील अरुण पंवार के माध्यम से बुधवार की सुनवाई में कहा कि मध्य जिले को महात्यागी सेवा संस्थान से तीन से पांच दिसंबर तक एक कार्यक्रम के आयोजन के लिए आवेदन आठ नवंबर को ही प्राप्त हो गया था और इसके लिए एनओसी दे दी गई है. वकील ने कहा कि महात्यागी सेवा संस्थान को 4 दिसंबर के लिए पहले ही एनओसी दी जा चुकी है, इसलिए उसी तारीख के लिए दूसरे आवेदन पर विचार करना संभव नहीं है.
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