Mamta Kulkarni Drugs Case: बंबई उच्च न्यायालय ने पूर्व अभिनेत्री ममता कुलकर्णी के खिलाफ 2016 में दर्ज किये गये मादक पदार्थ संबंधी मामले को यह कहते हुए रद्द कर दिया है कि उनके खिलाफ मुकदमा जारी रखना अदालती प्रक्रिया का दुरुपयोग होगा. न्यायमूर्ति भारती डांगरे और न्यायमूर्ति मंजूषा देशपांडे की खंडपीठ ने 22 जुलाई को पारित आदेश में कहा कि उसकी (पीठ की) ‘‘स्पष्ट राय’’ है कि कुलकर्णी के खिलाफ जुटायी गयी सामग्री (सबूत) प्रथम दृष्टया उनके खिलाफ कोई मामला नहीं बनाती है. आदेश की एक प्रति बुधवार को उपलब्ध हुई.
पीठ ने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि याचिकाकर्ता (कुलकर्णी) के खिलाफ मुकदमा जारी रखना अदालती प्रक्रिया का दुरुपयोग होगा.’’ उच्च न्यायालय ने कहा कि वह इस बात से संतुष्ट है कि प्राथमिकी को रद्द करने के लिए अपनी अंतर्निहित शक्तियों का इस्तेमाल करने का यह एक उपयुक्त मामला है क्योंकि कार्यवाही स्पष्ट रूप से अनावश्यक और परेशान करने वाली है. कुलकर्णी ने 2016 में ठाणे पुलिस द्वारा स्वापक औषधि और मन:प्रभावी पदार्थ (एनडीपीएस) अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के तहत उनके खिलाफ दर्ज की गयी प्राथमिकी को रद्द करने के लिए याचिका दायर की थी. यह भी पढ़ें: Kanpur Shocker: कानपुर में दबंगों ने की घायल युवक की पिटाई, प्लास्टर लगे पैर को बेरहमी से कुचला; विचलित करने वाला वीडियो आया सामने
उन्होंने दावा किया कि उन्हें इस मामले में फंसाया गया है और यह भी कि वह केवल मामले के सह आरोपी विक्की गोस्वामी से परिचित हैं. अप्रैल 2016 में पुलिस ने इफेड्रिन नामक एक किलोग्राम मादक पदार्थ रखने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया था. प्रारंभिक जांच के बाद कुलकर्णी समेत 10 और लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. अभियोजन पक्ष के अनुसार, कुलकर्णी ने गोस्वामी एवं अन्य सह-आरोपियों के साथ मिलकर मादक पदार्थों की खरीद-बिक्री के लिए जनवरी 2016 में केन्या के एक होटल में बैठक की थी.
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