लखनऊ, 12 जून: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शनिवार को भारतीय जनता पार्टी की सरकार की उपेक्षा के चलते उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं के बदहाल होने का आरोप लगाते हुए कहा कि कोरोना संकट में निजी अस्पतालों ने जबरन लूटने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. सपा की ओर से शनिवार को जारी एक बयान में पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “निजी अस्पतालों की मनमानी पर कोई नियंत्रण नहीं है, दवाओं, इंजेक्शन की कालाबाजारी बेरोकटोक जारी है और कोरोना कर्फ्यू और ऑक्सीजन की किल्लत ने लोगों की कमर तोड़ कर रख दी है.”
उन्होंने भाजपा पर दो तरफा बात करने और चालें चलने का आरोप लगाते हुए कहा, “एक तरफ सरकार कहती है कि कोरोना का इलाज फ्री में है वहीं दूसरी ओर सरकारी बैंक कोरोना इलाज के लिए 8.5 प्रतिशत की ब्याज दर से लोन दे रहे है.” यादव ने कहा कि बिगड़ी स्वास्थ्य व्यवस्था का हाल यह है कि मिर्जापुर के तिलोवगांव में एक गंभीर मरीज को चारपाई में लादकर उपचार के लिए आठ किलोमीटर पैदल चलकर अस्पताल पहुंचाने का मामला सामने आया है और भाजपा राज में गंभीर मरीजों को एंबुलेंस तक नसीब नहीं है.
उन्होंने कहा कि समाजवादी सरकार ने 108 एम्बुलेंस सेवा शुरू की थी उसकी व्यवस्था भाजपा ने चौपट कर दी. कानपुर में ठेले पर एक मरीज को लाने ओर कूड़ा गाड़ी में शव ले जाने की शर्मनाक घटनाएं भी हुई है. पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि निजी अस्पतालों ने कोरोना संकट में जबरन लूटने में कोई कसर नहीं छोड़ी और आगरा के पारस अस्पताल में ऑक्सीजन बंद कर मरीजों को मौत के मुंह में जाने दिया गया.
उन्होंने दावा किया कि सरकार ने जो दरें इलाज और आवश्यक दवाओं के लिए तय की, उनका कहीं पालन नहीं हुआ. सपा प्रमुख ने कहा, “मुख्यमंत्री जी दिल्ली में अपने शीर्ष नेतृत्व से भेंट वार्ता में व्यस्त रहे और प्रदेश में हाहाकार मचा है, जनता त्रस्त है. भाजपा जनता के दुःख दर्द से जुड़ने के बजाय सिर्फ सत्ता बचाने में व्यस्त है. भाजपा का यही लोकतंत्र है.”
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