देश की खबरें | हरियाणा सरकार ने संगठित अपराध नियंत्रण विधेयक, 2023 वापस लिया

चंडीगढ़, 18 नवंबर हरियाणा सरकार ने केंद्र द्वारा संगठित अपराध नियंत्रण विधेयक, 2023 में ‘कुछ विसंगतियां’ इंगित किये जाने के बाद सोमवार को उसे वापस ले लिया।

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने विधानसभा में इस विधेयक एवं एक अन्य विधेयक को वापस लेने के प्रस्ताव पेश किये।

पिछले साल मार्च में हरियाणा संगठित अपराध नियंत्रण विधेयक, 2023 को विधानसभा ने पारित किया था, जिसका उद्देश्य संगठित गिरोहों की आपराधिक गतिविधियों पर रोकथाम लगाना एवं उन्हें नियंत्रित करना था। सरकार द्वारा कुछ बदलाव करने के बाद यह विधेयक फिर से पेश किया गया था।

इससे पहले, हरियाणा सरकार ने केंद्र द्वारा ‘कुछ विसंगतियों’ की ओर इशारा किये जाने के बाद हरियाणा संगठित अपराध नियंत्रण विधेयक, 2020 वापस ले लिया था।

उस समय पाया गया था कि वापस लिये गये विधेयक के कुछ खास प्रावधानों का स्वापक औषधि और मन:प्रभावी पदार्थ अधिनियम के कुछ प्रावधानों से टकराव हो जाएगा।

इस विधेयक का 2019 का संस्करण भी कुछ प्रावधानों पर (केंद्र की) टिप्पणियों के बाद वापस ले लिया गया था।

विधानसभा से पारित होने के बाद 2023 का विधेयक राज्यपाल के पास भेजा गया जिन्होंने संविधान के अनुच्छेद 201 के तहत राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए उसे सुरक्षित रख लिया।

फिर यह विधेयक केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास भेजा गया। जब यह विधेयक कानून एवं न्याय मंत्रालय, वित्त मंत्रालय एवं गृह मंत्रालय के पास राय के लिए भेजा गया तब उन्होंने कुछ विसंगतियां इंगित कीं।

गृह मंत्रालय ने हरियाणा से इस विधेयक को वापस लेने तथा कानून मंत्रालय के विधायी विभाग द्वारा दिये गये कुछ सुझावों को शामिल कर उसे फिर सौंपने का अनुरोध किया।

इस विषय पर चर्चा हुई और तय किया गया कि केंद्र द्वारा की गयी टिप्पणियों के मद्देनजर संशोधित विधेयक पेश किया जाए।

कांग्रेस ने सुझाव दिया था कि 2023 के विधेयक को सदन की प्रवर समिति को भेजा जाना चाहिए।

कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सोमवार को सदन में कहा कि उनकी पार्टी ने पहले मांग की थी कि इस विधेयक को वापस लिया जाए।

उनकी पार्टी के विधायक बी बी बत्रा ने कहा, ‘‘यह तीसरी बार है कि इस विधेयक को वापस लिया गया है।’’

सदन के नेता सैनी ने कहा कि बदलावों के साथ इस विधेयक का नया संस्करण सदन में पेश किया जाएगा।

सरकार ने सोमवार को हरियाणा माननीय शव निस्तारण विधेयक, 2024 भी वापस ले लिया, जिसे इस साल फरवरी में विधानसभा ने पारित किया था।

शव निस्तारण विधेयक में प्रदर्शन के लिए शव का उपयोग करने वालों के लिए दंड का प्रावधान किया गया था।

यह विधेयक राज्यपाल के पास भेजा गया, जिन्होंने इसे राष्ट्रपति की स्वीकृति के लिए सुरक्षित रख लिया।

बाद में गृह मंत्रालय ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा की गयी गई टिप्पणियों पर राज्य से स्पष्टीकरण मांगा था।

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