नयी दिल्ली, 28 अप्रैल महाराष्ट्र सरकार ने शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय में कहा कि पालघर में 2020 में तीन लोगों की भीड़ द्वारा कथित रूप से पीट-पीटकर हत्या किए जाने के मामले में वह सीबीआई जांच की सिफारिश कर चुकी है।
इसके बाद इस मुद्दे पर लंबित चार याचिकाओं पर कार्यवाही समाप्त हो गयी ।
प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा की पीठ ने राज्य सरकार के ताजा हलफनामे का संज्ञान लिया कि उसने पहले ही इस बाबत पत्र जारी कर दिया है।
पीठ ने कहा, ‘‘राज्य सरकार के फैसले के मद्देनजर इन याचिकाओं पर इस स्तर पर और किसी निर्देश की जरूरत नहीं है।’’
याचिकाओं में आरोप लगाया गया कि राज्य पुलिस ने इस मामले में पक्षपातपूर्ण तरीके से जांच की और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराई जानी चाहिए।
इससे पहले पूर्ववर्ती महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार ने घटना में सीबीआई जांच के लिए याचिका का विरोध किया था, लेकिन बाद में सरकार बदलने के साथ केंद्रीय जांच एजेंसी से जांच कराने की मांग वाली याचिकाओं पर सहमति हो गयी।
मुंबई के कांदिवली से तीन लोग 16 अप्रैल, 2020 को कोविड-19 के कारण लागू लॉकडाउन के दौरान एक कार में सवार होकर गुजरात के सूरत में एक अंतिम संस्कार में शामिल होने जा रहे थे तभी रास्ते में उनकी गाड़ी को रोक लिया गया।
पुलिस की मौजूदगी में एक गांव में भीड़ ने उन पर कथित रूप से हमला किया और उन्हें मार डाला।
पीड़ितों की पहचान चिकने महाराज कल्पवृक्षगिरी (70), सुशील गिरि महाराज (35) और निलेश तेलगड़े (30) के रूप में हुई थी जो वाहन चला रहा था।
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