सूरत, 12 अक्टूबर : गुजरात के सूरत शहर में चल रहे नवरात्रि उत्सव के दौरान एक विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित ‘गरबा’ नृत्य कार्यक्रम को लेकर पुलिस के साथ हुई झड़प में सात छात्र घायल हो गए. अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी. अधिकारियों ने बताया कि सूरत के पुलिस आयुक्त ने वीर नर्मद दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय में सोमवार रात करीब नौ बजे हुई इस घटना की जांच के आदेश दिए हैं, जिसमें छात्रों ने कोविड महामारी के मद्देनजर सरकार के दिशानिर्देशों का कथित तौर पर उल्लंघन कर आयोजित किये जा रहे कार्यक्रम पर रोक के दौरान पुलिस टीम का प्रतिरोध किया. बाद में, कुछ विद्यार्थियों को हिरासत में लेकर स्थानीय पुलिस स्टेशन ले जाया गया, जहां छात्रों के एक समूह का कथित तौर पर सुरक्षाकर्मियों से संघर्ष हुआ. अधिकारियों ने बताया कि इस घटना में सात विद्यार्थी घायल हो गये, जिन्हें बाद में अस्पताल में भर्ती कराया गया. गरबा गुजरात का एक लोकप्रिय लोक नृत्य है और नवरात्रि उत्सव के दौरान इसका आयोजन किया जाता है. यह उत्सव इस साल सात अक्टूबर से शुरू हुआ है.
गुजरात सरकार ने हाउसिंग सोसाइटियों और सड़कों पर 400 प्रतिभागियों की सीमा और मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) का कड़ाई से पालन किये जाने की शर्तों के साथ ‘शेरी गरबा’ (पारंपरिक गरबा) के आयोजन की 24 सितंबर को अनुमति दी थी. आयोजन की प्रमुख शर्त यह थी कि प्रत्येक प्रतिभागी का कोविड-रोधी टीकाकरण अनिवार्य तौर पर हुआ हो. हालांकि, इस साल गरबा कार्यक्रमों के व्यावसायिक आयोजन की अनुमति नहीं दी गई है. जोन-तृतीय के पुलिस उपायुक्त (प्रभारी) के एफ बलोलिया के अनुसार, सोमवार रात बड़ी संख्या में छात्र गरबा में शामिल होने के लिए विश्वविद्यालय परिसर में जमा हुए. उन्होंने कहा, ‘‘वहां राज्य सरकार के दिशानिर्देशों का उल्लंघन कर कार्यक्रम आयोजित किए जाने की जानकारी मिलने के बाद उमरा पुलिस थाने के कर्मियों की एक टीम वहां पहुंची. जब पुलिसकर्मी वहां गए, तो उन्हें छात्रों के प्रतिरोध का सामना करना पड़ा.’’ यह भी पढ़ें : Delhi: छठ पर बैन के खिलाफ सीएम केजरीवाल के घर के बाहर प्रदर्शन कर रहे मनोज तिवारी को लगी चोट, सफदरजंग में भर्ती
पुलिस ने कार्यक्रम का आयोजन करने वाले चार विद्यार्थियों को हिरासत में ले लिया और उन सभी को उमरा पुलिस थाने ले जाया गया. अधिकारी ने कहा कि छात्रों का एक समूह थाने के बाहर जमा हो गया और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी. उन्होंने कहा, ‘‘छात्रों के अनुसार, उनमें से सात घायल हो गए. उनका दावा है कि वे पुलिस लाठीचार्ज में घायल हुए , लेकिन हम मेडिकल रिपोर्ट मिलने के बाद ही कुछ कह पाएंगे.’’ सूरत के पुलिस आयुक्त अजय तोमर ने कहा कि उन्होंने डीसीपी को मामले की जांच करने और तीन दिनों के भीतर रिपोर्ट सौंपने को कहा है.