देश की खबरें | गुजरात के मंत्री ने कहा : मुगलों और बाहरी तत्वों के हमलों के बावजूद हिंदू संस्कृति जीवित है

गोधरा, तीन जनवरी गुजरात के शिक्षा मंत्री कुबेर डिंडोर ने कहा कि अतीत में मुगल आक्रांताओं और बाहरी तत्वों के हमलों के बावजूद हिंदू संस्कृति जीवित है।

चंपानेर में बृहस्पतिवार को तीन दिवसीय ‘पंच महोत्सव’ के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए डिंडोर ने कहा कि हिंदू, जो वर्तमान में संप्रदायों और क्षेत्रों में बंटे हुए हैं, अगर एकजुट रहें, तो “अतीत में हमने जो खोया है, उसे फिर से हासिल कर सकते हैं।”

मंत्री ने कहा, “विधर्मियों (गैर-हिंदू बाहरी तत्वों) ने इस क्षेत्र पर हमला किया और 13वीं से 17वीं सदी तक मुगलों ने यहां शासन किया। बाबर से लेकर औरंगजेब तक, इन मुगल आक्रांताओं ने सनातन हिंदू सांस्कृतिक विरासत को नष्ट करने का प्रयास किया। लेकिन, हमारी हिंदू संस्कृति आज भी जीवित है।”

उन्होंने सनातन धर्म की ताकत को रेखांकित करते हुए कहा कि सोमनाथ मंदिर को सात बार नष्ट किया गया, लेकिन यह अभी भी हिंदू संस्कृति के प्रतीक के रूप में खड़ा है।

डिंडोर ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत की खोई हुई विरासत को फिर से हासिल करने का काम शुरू किया। उनके प्रयासों की बदौलत हम आज पावागढ़ पहाड़ी पर स्थित महाकाली मंदिर के ऊपर एक धार्मिक ध्वज फहरा पाए हैं। ऐसा 500 साल के अंतराल के बाद हुआ है।”

जून 2022 में मोदी ने पावागढ़ पहाड़ी पर महाकाली मंदिर के पुनर्निर्माण के बाद वहां एक धार्मिक ध्वज फहराया था। मंदिर का पुनर्निर्माण उक्त स्थल पर लगभग 500 साल से मौजूद एक दरगाह को उसके संरक्षकों की सहमति से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित किए जाने के बाद किया गया था।

डिंडोर ने कहा कि नया मंदिर 121 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया था और गुजरात सरकार एवं मंदिर ट्रस्ट के वित्तीय सहयोग से पावागढ़ मंदिर तथा आसपास के क्षेत्र का और विकास किया जा रहा है।

उन्होंने कहा, “हम ऐसी जगहों का संरक्षण और विकास कर रहे हैं, ताकि अगली पीढ़ी गौरवशाली हिंदू संस्कृति और विरासत से अवगत हो सके। विधर्मियों ने भले ही उन्हें नष्ट करने का प्रयास किया, लेकिन हमारी संस्कृति और विरासत अजेय रही। हमारी अगली पीढ़ी को यह जानना चाहिए कि विधर्मियों ने किस तरह हिंदू संस्कृति और विरासत को नष्ट करने का प्रयास किया था।”

डिंडोर ने कहा, “हमारे देश को कभी विश्व गुरु माना जाता था। हमें उस दर्जे और अपनी खोई हुई विरासत को फिर से हासिल करना है। मुझे यकीन है कि हमें अपने जीवनकाल में इस दिशा में सफलता मिलेगी।”

उन्होंने कहा कि अदालत के हस्तक्षेप के बाद हिंदू राम मंदिर पर अपना दावा साबित करने में कामयाब रहे।

डिंडोर ने कहा, “हमें अगली पीढ़ी को अपना इतिहास बताते रहना होगा, ताकि उनकी आंखों में अपनी खोई हुई विरासत को दोबारा हासिल करने का सपना जिंदा रहे। मौजूदा समय में हम विभिन्न क्षेत्रों और संप्रदायों में बंटे हुए हैं। अगर हम एकजुट हो जाएं, तो हम निश्चित रूप से वह सब फिर से हासिल कर सकते हैं, जो हमने अतीत में खो दिया था।”

गुजरात सरकार का पर्यटन विभाग पंचमहल जिले में पावागढ़ पहाड़ी की तलहटी में स्थित चंपानेर में ‘पंच महोत्सव’ का आयोजन कर रहा है।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)