देश की खबरें | गुजरात: धोखाधड़ी के लगभग 22 पुराने मामले में बैंक के पूर्व प्रबंधक को सश्रम कारावास की सजा

अहमदाबाद, 31 दिसंबर अहमदाबाद में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष अदालत ने एक राष्ट्रीयकृत बैंक से 38.75 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने के 22 साल से अधिक पुराने मामले में मंगलवार को इसके पूर्व शाखा प्रबंधक और 18 अन्य को तीन से पांच साल तक के सश्रम कारावास की सजा सुनाई।

अदालत ने दोषियों पर कुल 15.35 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया।

अदालत ने 18 जुलाई 2002 के एक मामले में अहमदाबाद में स्टेट बैंक ऑफ सौराष्ट्र की नरोदा रोड शाखा के तत्कालीन प्रबंधक बेचारभाई जाला और 18 अन्य को सजा सुनाई।

अभियोजन पक्ष के अनुसार, जाला ने अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग करके एक जन आवास योजना में बैंक को धोखा देने के लिए अन्य लोगों के साथ साजिश रची।

सीबीआई ने एक विज्ञप्ति में कहा कि जाला जिस बैंक में काम करता था, उसी बैंक के साथ धोखाधड़ी कर उसने स्वयं और दूसरों के लिए 38.75 लाख रुपये का आर्थिक लाभ प्राप्त किया।

सीबीआई ने बताया कि कुल मिलाकर अलग-अलग तिथियों पर 12 अलग-अलग आरोप-पत्र दायर किए गए। इसने यह भी कहा कि अदालत ने मंगलवार को पांच मामलों में फैसला सुनाया।

हालांकि, सीबीआई ने जाला की सजा की अवधि का उल्लेख नहीं किया।

संघीय जांच एजेंसी ने बताया कि सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष के 60 से अधिक गवाहों से जिरह किया गया।

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