नई दिल्ली, 10 जून: केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने बुधवार को कहा कि कंपनियों के कर्मचारी के तौर पर काम कर रहे निदेशकों को दिये जाने वाले वेतन पर जीएसटी नहीं लगाया जायेगा. सीबीआईसी को यह स्पष्टीकरण राजस्थान अथॉरिटी ऑफ एडवांस रूलिंग (AAR) का अप्रैल में एक आदेश आने के बाद जारी करना पड़ा. एएआर ने इस आदेश में कहा कि कंपनियों को उनके निदेशकों को दिये जाने वाले मेहनताने पर जीएसटी का भुगतान करना होगा.
सीबीआईसी ने कहा है कि जहां कंपनी के निदेशकों का मेहनताना उन्हें पेशेवर की फीस के तौर पर दिया जाता है, वेतन के तौर नहीं, ऐसे मामलों में ‘रिवर्स चार्ज’ के आधार पर जीएसटी लगाया जायेगा (क्रेता खुद कर लगा कर उसे सरकार करता है.) सीबीआईसी ने कहा है कि जहां निदेशकों के पारितोषिक को कंपनी के खातों में ‘वेतन’ के तौर पर घोषित किया गया है और इस पर आयकर कानूनल की धारा 192 के तहत टीडीएस काटा जाता है.
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निदेशकों को ऐसे भुगतान कर योग्य नहीं है. इसे केनद्रीय जीएसटी कानून 2017 की अनुसूची- तीन के तहत एक कर्मचारी द्वारा अपने नियोक्ता के लिये दी गई सेवाओं के तौर पर कर योग्य नहीं माना जा सकता है. सीबीआईसी ने कहा है कि जहां तक स्वतंत्र निदेशकों को किये गये भुगतान की बात है जो कि कंपनी के कर्मचारी नहीं हैं. ऐसे निदेशकों द्वारा कंपनी को दी गई सेवाओं के बदले किये गये मेहनताने के भुगतान पर माल एवं सेवाकर (जीएसटी) लागू होगा.
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