नयी दिल्ली, 21 अक्टूबर नागर विमानन मंत्री के. राममोहन नायडू ने सोमवार को कहा कि सरकार उद्योग जगत की मदद से भारत में विमानों की ‘डिजाइनिंग’ तथा विनिर्माण की दिशा में काम करेगी।
भारतीय वायुयान विधेयक 2024 को अगस्त में लोकसभा द्वारा पारित किया गया था। इसमें विमान के ‘डिजाइन’ तथा विनिर्माण को विनियमित करने के प्रावधान शामिल हैं, जो आत्मनिर्भर भारत पहल को बल देता है।
मंत्री ने कहा, ‘‘ हम भारत में ही विमानों को ‘डिजाइन’ और उनका विनिर्माण करना चाहते हैं। हम एचएएल (हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड), एनएएल (नेशनल एयरोस्पेस लैबोरेटरीज) तथा अन्य उद्योग भागीदारों से सहायता ले रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ निकट भविष्य में हम ऐसी स्थिति चाहते हैं जहां हम न केवल घरेलू मांग के लिए बल्कि पूरी दुनिया की मांग के लिए भी विमानों का निर्माण करें... हम इस दिशा में आगे बढ़ने जा रहे हैं।’’
सार्वजनिक क्षेत्र की एचएएल पहले से ही छोटे नागरिक विमानों का विनिर्माण कर रही है, लेकिन छोटे पैमाने पर।
भारत दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते नागर विमानन बाजारों में से एक है। भारतीय विमानन कंपनियों ने 1,200 से अधिक विमानों का ठेका दे रखा है। भारत विमान विनिर्माताओं बोइंग और एयरबस के लिए एक प्रमुख बाजार भी है।
नायडू ने पिछले महीने कहा था कि सरकार भारत में वाणिज्यिक विमानों का विनिर्माण शुरू करने की योजना को आगे बढ़ाने के लिए एक विशेष इकाई स्थापित करेगी।
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