भागीरथ चौधरी बोले, देशहित में है 'वन नेशन, वन इलेक्शन', कांग्रेस पर साधा निशाना
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अजमेर, 15 दिसंबर : केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी ने रविवार को 'वन नेशन, वन इलेक्शन' और संसद में कांग्रेस नेताओं द्वारा संविधान पर सवाल उठाए जाने पर प्रतिक्रिया दी. भागीरथ चौधरी ने आईएएनएस से बातचीत के दौरान एक सवाल के जवाब में कहा कि आम जनता की वर्षों से आवाज आ रही थी कि 'वन नेशन, वन इलेक्शन' होना चाहिए. पांच साल में लगातार कोई ना कोई चुनाव आता है और आदर्श आचार संहिता लग जाती है, जिससे जनहित और विकास के कार्य रुक जाते हैं. इसलिए सालों से यह आवाज उठ रही थी कि 'वन नेशन, वन इलेक्शन' होना चाहिए, ताकि काम में जो रुकावट आती है वह बंद हो.

उन्होंने आगे कहा कि हमारा देश विकसित राष्ट्र बन रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है कि इस देश को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाना है, इसके लिए महत्वपूर्ण है कि 'वन नेशन, वन इलेक्शन' हो, इससे खर्चा भी बेचेगा और काम की गति भी तेजी से बढ़ेगी. 'वन नेशन, वन इलेक्शन' देशहित में है. यह भी पढ़ें : बंबई उच्च न्यायालय ने पिता के हत्या के दोषी और मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति को जमानत दी

कई सालों के मंथन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कैबिनेट ने यह फैसला लिया कि देश को 'वन नेशन, वन इलेक्शन' की दिशा में बढ़ना चाहिए. इसे लोकसभा और राज्यसभा दोनों में लेकर जाना चाहिए, ताकि देश का भला हो और खर्चा भी कम हो तथा देश के विकास में कोई रुकावट ना आए.

संसद में कांग्रेस नेताओं द्वारा संविधान पर सवाल उठाए जाने पर भी भागीरथ चौधरी ने प्रतिक्रिया दी. उन्होंने आईएएनएस से बातचीत के दौरान राहुल गांधी और प्रियंका गांधी पर निशाना साधते हुए कहा, "मैं कह सकता हूं कि वे संविधान की दुहाई दे ही नहीं सकते, जिन्होंने संविधान की एक बार नहीं, सैकड़ों बार धज्जियां उड़ाई हैं.

उन्होंने आगे कहा कि आपातकाल उन्होंने ही लगाया था. वे संविधान की कभी परवाह नहीं करते हैं. वे केवल सत्ता के लिए काम करते हैं. अपने और अपने परिवार की भलाई के लिए काम करते हैं. उन्होंने संविधान की कभी परवाह नहीं की. आपातकाल के दौरान उन्होंने मीडिया, पत्रकारों पर सेंसरशिप लगाई थी और बेगुनाह लोगों को जेल में डाल दिया था. संविधान के प्रति उनका कोई लगाव नहीं है. वो खुद चाहते हैं कि हम सत्ता में कैसे रहें.

उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संविधान को पवित्र ग्रंथ मानते हैं. इस देश का संविधान हम सभी के लिए समान है. प्रियंका, राहुल क्या बोलते हैं खुद उन्हें पता नहीं है, जो लिखकर दे दिया जाता है वह बोल देते हैं.