चंडीगढ़: हरियाणा में गेहूं खरीद के पहले दिन सरकारी खरीद एजेंसियों द्वारा करीब 94.264 टन गेहूं की खरीद की गई. मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने सरकारी खरीद में कुप्रबंध का आरोप लगाया है. सरकारी खरीद एजेंसियों द्वारा सरसों की खरीद 15 अप्रैल से शुरू हुई थी, जबकि गेहूं की खरीद 20 अप्रैल से शुरू हुई. हरियाणा के अतिरिक्त मुख्य सचिव , कृषि और किसान कल्याण और सहकारिता विभाग संजीव कौशल ने कहा कि राज्य में सरसों की खरीद के लिए 163 केंद्र हैं जहां 8,693 किसान माल लेकर पहुचे. इसी तरह गेहूं की खरीद के लिए 1,800 से अधिक खरीद केंद्र बनाए गए हैं। गेहूं खरीद केंद्रों पर पहले दिन 9,729 किसान अपनी उपज बेचने आए.
कोविद-19 की वजह से भीड़ से बचने और सामाजिक दूरी बनाना सुनिश्चित करने के लिए इस बार खरीद केंद्रों की संख्या को लगभग चार गुना बढ़ा दिया गया है. कौशल ने कहा कि खरीद एजेंसियों द्वारा लगभग 24,987.25 टन सरसों और 94,264.78 टन गेहूं खरीदा गया है. सरकारी अधिकारियों ने कहा कि खरीद प्रक्रिया सुचारू रूप से चल रही है, लेकिन कांग्रेस ने आरोप लगाया कि पूर्ण कुप्रबंधन की स्थिति है. यह भी पढ़े: हरियाणा में किसानों की उपज का एक-एक दाना खरीदेगी सरकार: कृषि मंत्री जे पी दलाल
वीडियो कांफ्रेंस के तहत आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने सोमवार को आरोप लगाया कि भाजपा-जेजेपी सरकार ने किसानों को पूरी तरह से परेशन कर दिया है। पूरे प्रदेश में गेहूं खरीद केन्द्रों में अफरा तफरी की स्थिति है.
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, लेटेस्टली स्टाफ ने इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया है)