नयी दिल्ली, 27 जुलाई सरकार ने चीन की 47 और ऐप पर रोक लगा दी है। इनमें से ज्यादातर पिछले महीने ब्लॉक किए गए ऐप की मूल कंपनी के प्रतिरूप हैं। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
इसके साथ ही अब तक चीन के कुल 106 मोबाइल ऐप को देश की संप्रभुता, एकता और सुरक्षा के लिये खतरा बताते हुए रोक लगाई जा चुकी है।
जिन प्रतिरूपों पर रोक लगाई गई है, उनमें टिकटॉक लाइट, हैलो लाइट, शेयरइट लाइट और बीगो लाइव लाइट शामिल हैं।
सूत्र ने बताया कि इस संबंध में शुक्रवार को आदेश जारी कर दिया गया है। जिन नई ऐप पर रोक लगाई गई है, उनकी सूची तुरंत उपलब्ध नहीं हो पाई है और न ही इसके बारे में आधिकारिक तौर पर कुछ कहा गया है।
सरकार ने इससे पहले 29 जून को चीन की 59 ऐप पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। सरकार ने इन ऐप को देश की संप्रभुता, एकता और सुरक्षा को नुकसान पहुंचाने वाला बताया है।
पिछले महीने जिन ऐप पर रोक लगाई गई थी, उनमें टिकटॉक, कैमस्कैनर, शेयरइट, यूसी ब्राउजर, बीगो लाइव, वीगो वीडियो शामिल हैं। इसके अलावा हैलो, लाइक, एमआई वीडियो कॉल, श्याओमी, क्लैश ऑफ किंग्स के साथ ही ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म क्लब फैक्ट्री और शीन के ऐप शामिल हैं।
ये प्रतिबंध लद्दाख क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीनी सैनिकों के साथ तनावपूर्ण स्थितियों के बीच लगाए गए थे।
भारत में टिकटॉक के 20 करोड़ से अधिक उपयोगकर्ता हैं, जबकि शाओमी सबसे बड़ा मोबाइल ब्रांड है। अलीबाबा का यूसी ब्राउजर एक मोबाइल इंटरनेट ब्राउजर है, जो 2009 से भारत में उपलब्ध है। इसका दावा है कि सितंबर 2019 में दुनिया भर (चीन को छोड़कर) में उसके 1.1 अरब उपयोगकर्ता थे, जिसमें आधे भारत से थे।
आईटी मंत्रालय ने इससे पहले ऐप पर प्रतिबंध लगाते हुए कहा था कि उसे विभिन्न स्रोतों से कई शिकायतें मिली हैं, जिनमें एंड्रॉइड और आईओएस प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कुछ मोबाइल ऐप के दुरुपयोग के बारे में कई रिपोर्ट शामिल हैं। इन रिपोर्ट में कहा गया है कि ये एप ‘‘उपयोगकर्ताओं के डेटा को चुराकर, उन्हें गुपचुक तरीके से भारत के बाहर स्थित सर्वर को भेजते हैं।’’
बयान में कहा गया, ‘‘भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति शत्रुता रखने वाले तत्वों द्वारा इन आंकड़ों का संकलन, इसकी जांच-पड़ताल और प्रोफाइलिंग अंतत: भारत की संप्रभुता और अखंडता पर आघात होता है, यह बहुत अधिक चिंता का विषय है, जिसके खिलाफ आपातकालीन उपायों की जरूरत है।’’
सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने आईटी कानून और नियमों की धारा 69ए के तहत अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए इन एप्स पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया था।
गृह मंत्रालय के तहत आने वाले भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र ने इन एप पर व्यापक प्रतिबंध लगाने की सिफारिश भी की थी।
बयान में कहा गया था, ‘‘इनके आधार पर और हाल ही में विश्वसनीय सूचनाएं मिलने पर कि ऐसे ऐप भारत की संप्रभुता और अखंडता के लिए खतरा हैं, भारत सरकार ने मोबाइल और गैर-मोबाइल इंटरनेट सक्षम उपकरणों में उपयोग किए जाने वाले कुछ एप के इस्तेमाल को बंद करने का निर्णय लिया है।’’
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