नयी दिल्ली, 18 फरवरी इस सप्ताह भारतीय शेयर बाजारों का रुख वैश्विक रुझानों से तय होने की उम्मीद है। विश्लेषकों ने यह राय जताई है।
उनका कहना है कि स्थानीय स्तर पर महत्वपूर्ण घटनाक्रम की कमी और कंपनियों के तिमाही नतीजे काफी हद तक आ जाने के बीच कारोबारियों की नजर कच्चे तेल की कीमतों, रुपये की चाल और अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक की टिप्पणियों पर रहेगी।
रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (तकनीकी शोध) अजित मिश्रा ने कहा, ''कंपनियों के तीमाही परिणाम आ जाने के साथ आने वाले सप्ताह में वैश्विक संकेतक काफी हद तक बाजार की चाल तय करेंगे।''
बीते सप्ताह बाजार में उतार-चढ़ाव रहा, हालांकि अंत में सूचकांक बढ़त के साथ बंद हुए।
मजबूत व्यापक आर्थिक आंकड़ों के कारण घरेलू बाजार पिछले सप्ताह सकारात्मक रुख के साथ बंद हुए। प्रमुख सूचकांकों में एक प्रतिशत से अधिक की बढ़त रही। सेंसेक्स 72,426.64 पर और निफ्टी 22,040.70 पर बंद हुआ।
बाजार को व्यापक आर्थिक आंकड़ों से भी समर्थन मिला, जिसमें खुदरा मुद्रास्फीति भी शामिल है। खुदरा मुद्रास्फीति जनवरी में तीन महीने के निचले स्तर 5.1 प्रतिशत पर आ गई।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि सूचकांकों ने अन्य एशियाई बाजारों के विपरीत अपनी तेजी जारी रखी। उन्हें मुद्रास्फीति के आंकड़ों से मदद मिली।
उन्होंने कहा कि बैंकिंग क्षेत्र में भारी खरीदारी ने प्रमुख सूचकांकों को नई ऊंचाई दी।
अमेरिकी खुदरा बिक्री में गिरावट के कारण निवेशकों के बीच इस बात की उम्मीद बढ़ी है कि फेडरल रिजर्व नीतिगत दरों में कटौती करेगा। इसके अलावा चीन में मांग बढ़ने की उम्मीद ने भी बाजार को समर्थन दिया।
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