![विलुप्त मान ली गई विशाल सैल्मान कार्प मछली दिखी विलुप्त मान ली गई विशाल सैल्मान कार्प मछली दिखी](https://hist1.latestly.com/wp-content/uploads/2024/10/70572440_403.jpg)
कंबोडिया की मेकांग नदी में एक ऐसी मछली देखी गई है, जिसे विलुप्त माना जा रहा था. हाल के वर्षों में इसे तीन बार देखा गया है.चार फुट लंबी विशाल सैल्मन कार्प को देखना शियाना शुट के लिए एक खुशनुमा अहसास था. शियाना कंबोडिया के फ्नाम पेन्ह स्थित इनलैंड फिशरीज रिसर्च एंड डेवलपमेंट इंस्टिट्यूट में एक शोधकर्ता हैं. वह कहते हैं, "विशाल सैल्मन कार्प मेकांग क्षेत्र का प्रतीक है.”
यह शिकारी मछली चार फुट तक लंबी हो सकती है और इसके निचले जबड़े के सिरे पर एक उभार होता है. इसकी बड़ी आंखों के चारों ओर पीले रंग का एक आकर्षक चकता होता है. 2005 में आखिरी बार इस मछली को देखा गया था. संयुक्त राष्ट्र की हाल ही में आई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रवासी जीव तेजी से घट रहे हैं.
खुशी की खबर
शियाना ने बताया, "ऐसा लगता है कि यह मछली दशकों से मेकांग क्षेत्र से गायब हो गई थी." वह ‘बायोलॉजिकल कंजर्वेशन‘ पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन के सह-लेखक भी हैं. इस अध्ययन में हाल में सैल्मन कार्प के दिखाई देने की घटनाओं का दस्तावेजीकरण किया गया है.
2017 के बाद से, कंबोडिया में प्रवासी मछली प्रजातियों पर नजर रखने वाले जीवविज्ञानियों ने स्थानीय मछली पकड़ने वाले समुदायों के साथ संबंध विकसित किए हैं और उनसे अनुरोध किया है कि यदि कोई असामान्य मछली देखी जाती है तो उन्हें सूचित किया जाए.
यही तरीका अपनाने से 2020 से 2023 के बीच मेकांग नदी और कंबोडिया की एक सहायक नदी में तीन विशाल सैल्मन कार्प पाए गए. अध्ययन के सह-लेखक और कंबोडिया के स्वाय रींग विश्वविद्यालय में शोधकर्ता बुन्येथ चान ने कहा, "मैं इस मछली को पहली बार असल में देखकर बेहद हैरान और उत्साहित था."
शोधकर्ताओं का कहना है कि ये घटनाएं इस प्रजाति के भविष्य के लिए नई उम्मीदें जगाती हैं. इस मछली को "घोस्ट फिश" भी कहा जाता है.
मछलियों के सामने संकट
यूनिवर्सिटी ऑफ नेवादा में मछली-विज्ञानी और शोधकर्ताओं की टीम का हिस्सा रहे जेब होगन कहते हैं कि सैल्मान कार्प का मिलना "बेहद उत्साहजनक और सकारात्मक खबर" है ही, साथ ही यह मछली अन्य प्रवासी प्रजातियों के सामने आने वाले खतरों पर भी ध्यान केंद्रित करती है, क्योंकि मेकांग नदी औद्योगिक प्रदूषण और अत्यधिक मछली पकड़ने जैसे संकटों का सामना कर रही है. दुनिया के कई जीव इसी तरह के संकटों के कारण विलुप्ति के कगार पर हैं.
नदी और उसकी सहायक नदियों पर 700 से अधिक बांध बने हुए हैं वॉशिंगटन स्थित स्टिमसन सेंटर में दक्षिण पूर्व एशिया कार्यक्रम के निदेशक ब्रायल अयलर कहते हैं कि इन नदियों में बहुत कम मछली प्रवासन मार्ग (फिश पासेज) हैं, जो प्रजातियों को इन बाधाओं को पार करने में मदद करते है.
जीवविज्ञानी उम्मीद कर रहे हैं कि थाईलैंड और लाओस के स्थानीय समुदायों के साथ काम करके वे इस मछली के बारे में यह पुष्टि कर पाएंगे कि क्या यह अभी भी मेकांग नदी के अन्य हिस्सों में तैरती है.
वीके/सीके (एपी)