नयी दिल्ली, आठ सितंबर डिजिटल मामलों में महारथ रखने वाली पीढ़ी 'जेनरेशन जेड' उपभोग के रुझानों में बड़े बदलाव की पटकथा लिखकर भारत के उपभोक्ता बाजारों में महत्वपूर्ण जगह बना रही है। बर्नस्टीन की एक रिपोर्ट में यह बात कही गई।
वर्ष 1995 से 2010 के बीच जन्मे लोगों को 'जेनरेशन जेड' में शामिल किया जाता है।
रिपोर्ट के मुताबिक विभिन्न ब्रांड इस पीढ़ी के साथ गहरा संबंध बनाने की कोशिश कर रहे हैं, जो डिजिटल रूप से काफी पारंगत और मोबाइल ऐप को तरजीह देने वाली है।
यह पीढ़ी सोशल मीडिया से लेकर टैक्सी लेने और खाना मंगाने तक के लिए मोबाइल का सहारा लेती है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय जेनरेशन जेड दुनिया में सबसे बड़ी है, जो ऑनलाइन खरीदारी करती है, काम करती है और खाना मंगाती है।
इसमें कहा गया कि भारतीय जेनरेशन जेड दुनिया की 20 प्रतिशत और भारत की आबादी का लगभग 27 प्रतिशत हिस्सा है।
रिपोर्ट में पाया गया कि जेन जेड डिजिटल रूप से अग्रणी और नए जमाने के ब्रांड्स को प्राथमिकता दे रही है।
भारत की कुल खपत में जेन जेड की लगभग 17 प्रतिशत हिस्सेदारी है, और इसमें वृद्धि की काफी गुंजाइश है।
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