जयपुर, तीन जुलाई राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को राज्य में पिछली वसुंधरा राजे नीत भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर कांग्रेस के शासन में शुरू की गई योजनाओं को ‘‘बंद’’ का आरोप लगाया और इसे ‘‘गलत दृष्टिकोण’’ बताया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह अपनी आखिरी सांस तक राज्य के लोगों की सेवा करते रहेंगे, भले ही वह किसी भी पद पर न रहें।
गहलोत ने अपने पैरों में लगी चोट का जिक्र करते हुए कहा कि डॉक्टर कह रहे हैं कि उन्होंने ऐसा पहला मामला देखा है जब दोनों पैरों की उंगलियां एक साथ टूट गई हों।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंरे दोनों पैरों में एक साथ चोट लग गई... ऐसा कभी हुआ नहीं था... डॉक्टर कह रहे हैं कि ऐसा पहला मामला देखा है जब किसी के दोनों पैर के अंगूठों में एकसाथ चोट आई हो। दो महीने से मैं लगातार दौरे कर रहा था तो शायद भगवान की इच्छा होगी कि मैं कुछ आराम कर लूं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने पहले भी कहा था कि जब सरकार बदलती है तो वसुंधरा जी या उनकी सरकारी वो योजनाएं बंद कर देती हैं जो नहीं करना चाहिए। चाहे वो मेट्रो हो, रिफाइनरी हो या बद्रीनाथ, केदारनाथ यात्रा के दौरान मारे गए लोगों के आश्रितों को नौकरी देने का हमारा फैसला हो... उनकी सरकार आई तो उन योजनाओं को बंद कर दिया गया और जिन 15-20 लोगों को नौकरी मिली थी उन्हें निकाल दिया गया। भाजपा का ये रवैया बहुत गलत है।’’
गहलोत ने मुख्यमंत्री निवास पर राज्य स्तरीय लाभार्थी संवाद समारोह में कहा कि पूर्ववर्ती सरकार में शुरू ‘पालनहार योजना’ को बंद करने के बजाय हमने सहायता राशि और श्रेणियों में बढ़ोतरी की है, जिससे परिवार में ही बच्चों की समुचित देखरेख, संरक्षण एवं शिक्षा सुनिश्चित हो रही है और यही बच्चे बड़े होकर राज्य और देश की उन्नति में अपना अहम योगदान देंगे।
‘पालनहार योजना’ स्कूली बच्चों के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
गहलोत ने कहा कि इस योजना में करीब छह लाख बच्चों को जो सुविधाएं मिल रही हैं और जिस रूप में पालनहार योजना को लागू किया गया है, वह अपने आप में बहुत निराला है।
उन्होंने कहा, ‘‘पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के कार्यकाल में लागू की गई पालनहार योजना में उन्होंने कोई पैसा नहीं बढ़ाया... लेकिन मैंन इस योजना को खत्म नहीं किया, क्योंकि मैं अच्छी पहल को छोड़ता नहीं हूं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस सरकार ने योजना का बजट बढ़ाया, जिससे बच्चों की उचित देखभाल, सुरक्षा और शिक्षा सुनिश्चित हो रही है। यही बच्चे बड़े होकर राज्य और देश की प्रगति में अहम योगदान देंगे।’’
उन्होंने यह भी दावा किया कि इस योजना से नौ श्रेणियों के छह लाख बच्चे लाभान्वित हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने पिछली भाजपा सरकार द्वारा परिकल्पित पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को भी नहीं रोका है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी सरकार का दृष्टिकोण नकारात्मक नहीं है, यह सकारात्मक है और यही कारण है कि हम इस परियोजना पर आगे बढ़ रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि राज्य के 5.91 लाख से अधिक पालनहार लाभार्थियों के बैंक खातों में 146.74 करोड़ रुपये डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के माध्यम से हस्तांतरित किए जा रहे हैं। इसमें जुलाई माह के 5,91,730 लाभार्थियों को बढ़ी हुई सहायता राशि 87.36 करोड़ रुपये और जून माह के 5,92,630 लाभार्थियों को 59.38 करोड़ रुपये की सहायता राशि दी गई। सहयोग राशि बढ़ाने से लगभग 300 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार आएगा।
उन्होंने कहा, ‘‘मेरी भावना अंतिम सांस तक प्रदेशवासियों की सेवा करने की है... चाहे मैं किसी पद पर रहूं, या नहीं रहूं... या कहीं भी रहूं। लेकिन मैं प्रदेशवासियों को विश्वास दिलाता हूं कि आपकी सेवा के लिए हमेशा तत्पर रहूंगा।’’
पिछले सप्ताह बृहस्पतिवार को गहलोत के बाएं पैर के अंगूठे में चोट आ गई थी और फिर दाहिने पैर के अंगूठे में भी चोट लग गई। उन्होंने ट्वीट किया था कि वह अपने आवास पर एक बैठक के बाद अपने कमरे में जा रहे थे तभी फिसल गए और उन्हें चोट लग गई।
इससे पहले मुख्यमंत्री ने व्हीलचेयर पर बैठकर मुख्यमंत्री आवास से राजीव गांधी ग्रामीण और शहरी ओलंपिक खेल-2023 के बारे में जन जागरूकता फैलाने के लिए 10 वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
ये गाड़ियां कला जत्थों के साथ राज्य के सभी ब्लॉक और विधानसभा क्षेत्रों में जाएंगी और खेल के प्रति जागरूकता फैलाएंगी।
गहलोत ने कहा कि राजीव गांधी ग्रामीण एवं शहरी ओलंपिक खेल-2023 से राज्य के युवाओं में खेलों के प्रति उत्साह पैदा होगा, जिसके भविष्य में अच्छे परिणाम मिलेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘राज्य में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है। राज्य सरकार द्वारा खेल प्रतिभाओं को बेहतर अवसर उपलब्ध कराये जा रहे हैं।’’
ग्रामीण और शहरी ओलंपिक खेलों का आयोजन 10 जुलाई से होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘लगभग 57 लाख खिलाड़ियों ने इन खेलों में भाग लेने के लिए अपना पंजीकरण कराया है।’’ उन्होंने कहा कि इन खेलों में बुजुर्ग, बच्चे, महिलाएं और युवा सभी एक साथ खेलते हैं, जिससे राज्य में भाईचारा और सद्भाव के साथ-साथ सकारात्मक माहौल बन रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘आने वाले समय में राजस्थान से उत्कृष्ट खिलाड़ी निकलेंगे, जो राज्य का नाम रोशन करेंगे।’’
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