नयी दिल्ली, तीन दिसंबर खाद्य सुरक्षा नियामक एफएसएसएआई ने बृहस्पतिवार को सीएसई परीक्षणों का विवरण मांगा, जिसमें शीर्ष 10 शहद ब्रांडों में मिलावट का दावा किया गया है। खाद्य नियामक ने इस बात पर सवाल भी उठाये कि उसके द्वारा निर्धारित परीक्षण क्यों नहीं किये गये।
भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने एक बयान में कहा कि सीएसई (सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट) ने चावल सिरप मिलावट की जांच के लिए "अधिक संवेदनशील ‘चावल सिरप स्पेसिफिक मार्कर (एसएमआर) जांच के बजाय ‘ट्रेस मार्कर फॉर राइस सिरप’ (टीएमआर) जांच का उपयोग करके मिलावटखोरी को ढूंढ निकाला।
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शहद में मिलावट की सीएसई द्वारा की गई जांच पर ध्यान देने की बात बताते हुए एफएसएसएआई ने कहा कि उसने एसएमआर परीक्षण को पहले ही अनिवार्य कर दिया था क्योंकि यह "शहद में चावल के सिरप की मिलावट का पता लगाने के लिए अधिक केंद्रित परीक्षण है।"
बयान में कहा गया है, "यह स्पष्ट नहीं है कि एसएमआर जैसे कुछ परीक्षण नमूनों पर क्यों नहीं किए गए ...?’’
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इसमें कहा गया है, "एफएसएसएआई ने नमूनों और सीएसई से किए गए परीक्षणों के विवरण देने के लिए अनुरोध किया है।"
बयान में कहा गया है कि एक बार विवरण उपलब्ध हो जाने के बाद, अपनाई गई जांच पद्धति (प्रोटोकॉल) के बारे में एफएसएसएआई द्वारा उनका विश्लेषण किया जायेगा और भविष्य के लिए परीक्षण पद्धति में आवश्यक किसी भी सुधार का सुझाव दिया जाएगा।
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