नयी दिल्ली, तीन जुलाई बैंकिंग क्षेत्र में 100 करोड़ रुपये से अधिक के धोखाधड़ी के मामलों में उल्लेखनीय कमी आई है। 2021-22 में ऐसे मामलों में फंसी राशि 41,000 करोड़ रुपये रही, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 1.05 लाख करोड़ रुपये थी।
आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गई। इसमें बताया गया कि निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 2021-22 में धोखाधड़ी के मामले घटकर 118 रह गए जो 2020-21 में 265 थे।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 100 करोड़ रुपये से अधिक गबन राशि के मामलों की संख्या 167 से घटकर 80 रह गई जबकि निजी क्षेत्र के बैंकों में ऐसे मामले 98 से घटकर 38 रह गए।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के संबंध में धोखाधड़ी के मामलों में फंसी राशि घटकर 28,000 करोड़ रह गई जो 2020-21 में 65,900 करोड़ रुपये थी। निजी क्षेत्र के बैंकों के लिए यह राशि 39,900 करोड़ रुपये से घटकर 13,000 करोड़ रुपये पर आ गई।
इस साल की शुरुआत में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) में 22,842 करोड़ रुपये की सबसे बड़ी बैंक धोखाधड़ी हुई, जिसे एबीजी शिपयार्ड एवं उसके प्रवर्तकों ने अंजाम दिया।
यह राशि नीरव मोदी द्वारा पंजाब नेशनल बैंक के साथ की गई 14,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी से भी अधिक है। पिछले महीने जांच एजेंसी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड के पूर्व चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक तथा निदेशक धीरज वधावन और अन्य के खिलाफ 34,615 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था।
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