नई दिल्ली, 1 जून: केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी 'आयुष्मान भारत योजना' (Ayushman Bharat Yojana) के तहत नौकरी दिलाने का वादा करके 4,000 लोगों के साथ धोखाधड़ी करने के आरोप में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने बताया कि आरोपी ने एक ऐसी फर्जी वेबसाइट तैयार की थी, जो कि एक सरकारी वेबसाइट की तरह दिखता था और इस पर उन्होंने हजारों नौकरियों के विज्ञापन जारी किए थे. इन लोगों ने आवेदकों से पंजीकरण शुल्क के रूप में 300 से 500 रुपये तक की वसूली की.
आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत स्वास्थ्य बीमा की देखरेख करने वाले राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण ने इस संबंध में पुलिस में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि उन्हें लोगों से 'फर्जी एजेंसी' के संबंध में शिकायतें मिली हैं. इस फर्जी एजेंसी ने खुद का संबंध इस योजना के साथ बताया था. आरोपियों की पहचान 37 वर्षीय उमेश, 33 वर्षीय रजत सिंह, 26 वर्षीय गौरव और 33 वर्षीय सीमा रानी के रूप में हुई है.
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पुलिस उपायुक्त (साइबर प्रकोष्ठ) अन्येष रॉय ने कहा कि तकनीकी विश्लेषण के आधार पर गिरफ्तारी की गई है और आरोपियों के पास से एक लैपटॉप, चार मोबाइल फोन और एटीएम कार्ड बरामद हुए हैं. उन्होंने बताया कि पूछताछ के दौरान आरोपियों ने खुलासा किया कि उन्होंने भारत सरकार की आयुष्मान भारत योजना के नाम पर लोगों से ठगी करने की साजिश रची.
इसके लिये उन्होंने पहले आयुष्मान योजना ट्रस्ट बनाया और वेब डिजाइनर होने के नाते आरोपी रजत सिंह ने सरकारी वेबसाइट की तरह एक वेबसाइट डिजाइन की. उन्होंने बताया कि इस संबंध में जांच जारी है और अन्य आरोपियों को पकड़ने की कोशिश हो रही है.
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