जरुरी जानकारी | स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में भागीदारी के लिए भारत, अमेरिकी कंपनियों के बीच चार समझौते

ह्यूस्टन, 12 अक्टूबर भारत और अमेरिका ने स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में द्विपक्षीय रणनीतिक भागीदारी को मजबूत करने के लिये चार बड़े समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये हैं। ये शुरुआती समझौते इस बात के संकेत हैं कि किस प्रकार दोनों देश जलवायु परिवर्तन और ऊर्जा सुरक्षा से जुड़ी चुनौतयों के समाधान के लिये निजी क्षेत्र की क्षमता का लाभ उठा सकते हैं।

ये समझौते भारत और अमेरिका की तेल एवं गैस कंपनियों के बीच मंगलवार को तेल और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी के ह्यूस्टन में एक गोलमेज सम्मेलन के दौरान हुए। बैठक में एक्सॉन मोबिल और तेलुरियन जैसी ऊर्जा और चिकित्सा प्रौद्योगिकी क्षेत्र की कंपनियां मौजूद थीं।

पुरी स्वच्छ ऊर्जा पर अमेरिकी प्राधिकरण के साथ बातचीत के लिये यहां आए हुए हैं। उन्होंने गोलमेज बैठक के दौरान कहा कि भारत उदार पारदर्शी नीतियों, कारोबार सुगमता जैसे कारणों से गठजोड़ के लिहाज से बेहतर स्थान है।

अमेरिका और भारत के बीच मजबूत रणनीतिक भागीदारी बनाने को लेकर प्रतिबद्ध अमेरिका-भारत रणनीतिक भागीदारी मंच ने भारतीय महावाणिज्य दूतावास के साथ मिलकर गोलमेज बैठक का आयोजन किया। बैठक में अमेरिका और भारत के बीच सार्वजनिक तथा निजी दोनों क्षेत्रों में ऊर्जा भागीदारी और अवसरों को टटोला गया।

लैंजा टेक की अनुषंगी लैंजा जेट और इंडियन ऑयल के बीच आशय पत्र पर हस्ताक्षर किये गये। यह समझौता लैंजाजेट की पेटेंट प्रौद्योगिकी के जरिये सतत विमान ईंधन के क्षेत्र में भागीदारी के लिये है। लैंजा टेक प्रमुख जैव प्रौद्योगिकी कंपनी है।

इसके अलावा गेल और एचपीसीएल के संयुक्त उद्यम अवंतिका गैस लि. ने बेकर ह्यूजेस के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये हैं। यह समझौता उत्सर्जन को मापने और उसके समाधान में सहयोग के लिये है।

इसके अलावा, इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड और पेट्रोलियम रिफाइनिंग, गैस प्रसंस्करण आदि के लिये प्रौद्योगिकी देने वाली यूओपी के बीच भी समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गये।

चौथा समझौता इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड और बेकर ह्यूजेस के बीच हुआ। इसके तहत संयुक्त रूप से उत्सर्जन पर नजर रखने, उसका पता लगाने, हाइड्रोजन प्रौद्योगिकी समेत अन्य क्षेत्रों में सहयोग का आकलन किया जाएगा।

ऊर्जा कंपनियों के साथ गोलमेज बैठक में पुरी के साथ अमेरिका-भारत रणनीतिक भागीदारी मंच के अध्यक्ष और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) मुकेश अघी, भारतीय दूतावास की उप-प्रमुख श्रीप्रिया रंगनाथन, ह्यूस्टन में भारत के महावाणिज्य दूत असीम महाजन सहित अन्य लोग थे।

पुरी ने ह्यूस्टन में तेल एवं गैस का पता लगाने और उत्पादन के लिये ताजा अपतटीय बोली चरण के साथ कोयला भंडार या कोयला सीम से मिथेन गैस निकालने (सीबीएम) की संभावनाओं का पता लगाने के लिये क्षेत्रों की पेशकश की। ये क्षेत्र 2.3 लाख वर्ग लाख किलोमीटर से अधिक क्षेत्र में फैले हैं। ह्यूस्टन को दुनिया की ऊर्जा राजधानी कहा जाता है।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)