नयी दिल्ली, 12 दिसंबर हरियाणा के पूर्व मंत्री और पांच बार विधायक रहे करण सिंह दलाल ने ‘इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन’ (ईवीएम) के सत्यापन के लिए नीति बनाने का अनुरोध करते हुए उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।
याचिका में ‘एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स बनाम भारत संघ’ मामले में शीर्ष अदालत द्वारा पहले दिए गए फैसले का अनुपालन करने का अनुरोध किया गया है।
दलाल और सह-याचिकाकर्ता लखन कुमार सिंगला वोट हासिल करने के मामले में अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में दूसरे स्थान पर रहे थे। उन्होंने निर्वाचन आयोग को ईवीएम के चार घटकों - ‘कंट्रोल यूनिट’, ‘बैलट यूनिट’, ‘वीवीपीएटी’ और ‘सिंबल लोडिंग यूनिट’ - की मूल ‘‘बर्न मेमोरी’’ या ‘माइक्रोकंट्रोलर’ की जांच के लिए प्रोटोकॉल लागू करने का निर्देश दिए जाने का अनुरोध किया है।
दलाल और सिंगला ने कहा कि उनकी याचिका में चुनाव परिणामों को चुनौती नहीं दी गई है, बल्कि ईवीएम सत्यापन के लिए एक मजबूत तंत्र बनाए जाने का अनुरोध किया गया है।
पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में चुनाव परिणामों को चुनौती देने वाली अलग-अलग याचिकाएं पहले से ही लंबित हैं। याचिकाकर्ताओं ने उच्चतम न्यायालय से अनुरोध किया है कि वह निर्वाचन आयोग को आठ सप्ताह के भीतर सत्यापन प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दे।
हरियाणा में हाल में हुए विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 90 में से 48 सीट जीती थीं।
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