नयी दिल्ली, 20 सितंबर निर्यातकों के प्रमुख संगठन फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (फियो) ने कहा है कि देश से निर्यात को बढ़ावा देने के लिए वह नए उत्पादों और बाजारों पर ध्यान केंद्रित करेगा।
फियो के अध्यक्ष ए शक्तिवेल ने सोमवार को कहा कि अक्टूबर तक ऑर्डर बुकिंग की स्थिति उत्साहजनक है, लेकिन नकदी नहीं होने तथा नीतिगत मोर्चे पर अनिश्चितता के चलते कई निर्यातक आगे के अनुबंध लेने की स्थिति में नहीं हैं।
फियो की वार्षिक आम बैठक को संबोधित करते हुए शक्तिवेल ने कहा, ‘‘मैंने वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के समक्ष कंटेनरों की कमी, शिपिंग लाइन बार-बार बंद होने तथा ऊंचे मालभाड़े का मुद्दा उठाया है। इनसे निर्यात पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है।’’
इसके अलावा फियो ने सरकार के साथ कच्चे माल की निर्यात नीति को सुसंगत बनाने का मुद्दा उठाया है, जिससे निर्यात और घरेलू जरूरत के बीच संतुलन बैठाया जा सके। साथ ही फियो ने बैंकों द्वारा मौजूदा कार्यशील पूंजी जरूरत में 20 से 25 प्रतिशत की वृद्धि की मांग की है। इसके अलावा संगठन ने भारत से खाली कंटेनरों की आवाजाही के नियमन के जरिये परिवहन और लॉजिस्टिक्स की समस्या को भी हल करने को कहा है।
शक्तिवेल ने कहा कि फेडरेशन ने ढुलाई दरों में 300 से 350 प्रतिशत की वृद्धि के मुद्दे को भी उठाया है। दक्षिण अमेरिका और पश्चिम अफ्रीका जैसे कुछ गंतव्यों के लिए तो दरों में 500 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि माल ढुलाई दरें सामान्य होने तक निर्यातकों को ढुलाई सब्सिडी दी जानी चाहिए।
अजय
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)