जरुरी जानकारी | राजकोषीय घाटा नवंबर में पूरे साल के लक्ष्य का 50.7 प्रतिशत रहा

नयी दिल्ली, 29 दिसंबर सरकार का राजकोषीय घाटा नवंबर के अंत में 9.06 लाख करोड़ रुपये रहा जो समूचे वित्त वर्ष के बजट अनुमान का 50.7 प्रतिशत है। शुक्रवार को आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गई।

लेखा महानियंत्रक (सीजीए) की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार, वास्तविक रूप से राजकोषीय घाटा चालू वित्त वर्ष 2023-24 की अप्रैल-नवंबर अवधि में 9,06,584 करोड़ रुपये रहा। पिछले साल इसी अवधि में घाटा 2022-23 के बजट अनुमान का 58.9 प्रतिशत था।

सरकार के व्यय और राजस्व के बीच के अंतर को राजकोषीय घाटा कहते हैं।

सरकार का राजकोषीय घाटा वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 17.86 लाख करोड़ रुपये यानी जीडीपी का 5.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

भारत सरकार की नवंबर 2023 तक कुल प्राप्तियां 17.4 लाख करोड़ रुपये रहीं जो चालू वित्त वर्ष के बजट अनुमान का 64.3 प्रतिशत है। प्राप्तियों में 14.35 लाख करोड़ रुपये कर राजस्व (शुद्ध) के रूप में, 2.84 लाख करोड़ रुपये गैर-कर राजस्व के रूप में और 25,463 करोड़ रुपये गैर-ऋण पूंजीगत प्राप्तियों के रूप में हैं।

गैर-ऋण पूंजीगत प्राप्तियों में ऋण की वसूली और विविध पूंजीगत प्राप्तियां शामिल हैं।

सीजीए आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल-नवंबर 2023 में केंद्र सरकार का कुल व्यय 26.52 लाख करोड़ रुपये (2023-24 के बजट अनुमान का 58.9 प्रतिशत) था। कुल व्यय में से 20.66 लाख करोड़ रुपये राजस्व खाते और 5.85 लाख करोड़ रुपये पूंजी खाते में थे।

सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 तक राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 4.5 प्रतिशत से नीचे लाने का लक्ष्य रखा हुआ है।

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