देश की खबरें | गुजरात में चांदीपुरा विषाणु से पहली मौत, एनआईवी ने संक्रमण से लड़की की मौत की पुष्टि की

अहमदाबाद, 17 जुलाई गुजरात में संदिग्ध चांदीपुरा विषाणु के कारण अब तक हुई आठ मौतों में से चार वर्षीय एक लड़की की संक्रमण के कारण मौत होने की पुष्टि राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) ने की है। एक स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि यह राज्य में इस तरह की पहली मौत है।

राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने बताया कि गुजरात में अब तक चांदीपुरा विषाणु संक्रमण के 14 संदिग्ध मामले सामने आए हैं। इनमें से आठ मरीजों की मौत हो चुकी है। उन्होंने बताया कि सभी के नमूने पुष्टि के लिए पुणे स्थित एनआईवी भेजे गए हैं।

साबरकांठा के मुख्य जिला स्वास्थ्य अधिकारी (सीडीएचओ) राज सुतारिया ने कहा, “अरावली के मोटा कंथारिया गांव की चार वर्षीय बच्ची, जिसकी साबरकांठा जिले के हिम्मतनगर के सिविल अस्पताल में मौत हो गई थी, का नमूना चांदीपुरा विषाणु के लिए सकारात्मक पाया गया है। राज्य में चांदीपुरा विषाणु संक्रमण से यह पहली मौत है।”

उन्होंने बताया कि साबरकांठा जिले से तीन अन्य लोगों के नमूने एनआईवी को भेजे गए थे, जिनमें संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई है। इनमें से एक मरीज की मौत हो गई है, जबकि दो अन्य ठीक हो गए हैं।

मंत्री पटेल ने कहा कि संदिग्ध चांदीपुरा विषाणु संक्रमण के मामले साबरकांठा, अरावली, महिसागर, खेड़ा, मेहसाणा और राजकोट जिलों से सामने आए हैं। उन्होंने बताया कि राजस्थान के दो और मध्य प्रदेश के एक मरीज का भी राज्य के अस्पतालों में इलाज किया गया है।

उन्होंने कहा कि एहतियात के तौर पर प्रभावित क्षेत्रों के 26 आवासीय क्षेत्रों में 44,000 से अधिक लोगों की स्वास्थ्य जांच की गई है।

चांदीपुरा विषाणु से बुखार होता है, जिसके लक्षण फ्लू जैसे होते हैं, तथा तीव्र इंसेफेलाइटिस (मस्तिष्क की सूजन) होती है। यह रोगजनक रैबडोविरिडे परिवार के वेसिकुलोवायरस जीनस का सदस्य है। यह मच्छरों, बालू मक्खी जैसे कीट पतंगों द्वारा फैलता है।

मध्य भारत में 2003-2004 में हुए प्रकोप के कारण आंध्र प्रदेश और गुजरात में 56-75 प्रतिशत तक मृत्यु दर देखी गई थी, जिसमें विशिष्ट मस्तिष्क ज्वर के लक्षण थे।

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