लॉकडाउन से किसान भारी संकट में, गेंहू की फसल काटने को नहीं मिल रहे मजदूर

बागपत : पश्चिमी उत्तर प्रदेश:, 10 अप्रैल किसान की गन्ने की फसल की छिलाई अभी पूरी भी नहीं हुई है कि ऊपर से गेंहू की फसल कटाई के लिए तैयार खड़ी है ... लॉकडाउन के कारण मजदूर नहीं मिल रहे हैं और लॉकडाउन जारी रहने की आशंका से किसान को अगली फसल की बुआई की चिंता भी सता रही है।

किसान नेताओं ने चेताया है कि खेती-किसानी से जुड़ी समस्याओं को समय रहते नहीं सुलझाया गया तो बीमारी से ज्यादा भुखमरी से मौतें होंगी।

देश में कोविड-19 महामारी से मुकाबले के लिए लागू 21 दिनों के लॉकडाउन को 14 अप्रैल के बाद बढ़ाए जाने की आशंका ने किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं।

मौजूदा बंद के कारण गन्ने की फसल नहीं काट पाने से परेशान किसान को अब गेहूं की लगभग तैयार खड़ी फसल की चिंता ने भी आ घेरा है। बंद के कारण मजदूर नहीं मिलने से जहां उसे गेहूं की कटाई का कोई जरिया नहीं सूझ रहा है, वहीं गेहूं निकालने वाली मशीनें (थ्रेसर) उपलब्ध होने की भी स्थिति दिखाई नहीं दे रही।

दरअसल थ्रेसिंग मशीने ज्यादातर गेहूं कटाई के सीजन में पंजाब और राजस्थान जैसे इलाकों से पश्चिमी यूपी में आती हैं और किराये पर फसल निकालने का काम करती हैं, लेकिन इन राज्यों भी लॉकडाउन जारी है।

गौरतलब है कि ओडिशा सरकार ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए बृहस्पितवार को लॉकडाउन (बंद) की अवधि 30 अप्रैल तक के लिए बढ़ा दी। साथ ही उसने केंद्र सरकार से भी बंद की अवधि बढ़ाने का अनुरोध किया है। केंद्र सरकार द्वारा देशव्यापी बंद 25 मार्च से लागू किया गया जो 14 अप्रैल को समाप्त होना हैं।

जिला गन्ना विभाग के अनुसार, मिलों में पेराई शुरू होने के वक्त जिले में करीब 72 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में गन्ने की फसल थी । फिलहाल लगभग 30 फीसदी गन्ना (करीब 10 लाख टन) अभी खेतों में खड़ा है।

बड़ौत निवासी किसान नेता ब्रजपाल सिंह ने पीटीआई- से कहा ’बंद के कारण कई किसानों की लगभग आधी गन्ने की फसल अभी भी खेत में खड़ी है, लेकिन एक तो बंद के कारण गन्ना छीलने के लिए मजदूर ही नहीं मिल रहे ऊपर से किसान किसी तरह से खुद दिन-रात कर यदि गन्ना छील भी ले तो उसे मिल पर डालने की कोई व्यवस्था नहीं है। उन्होंने कहा कि बंद के बाद से चीनी मिल गन्ने की पर्चियां जारी नहीं कर रही हैं।

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