राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा नतीजे : मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट (राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा) के कई परीक्षार्थियों ने छात्रों के अंक बढ़ाए जाने का आरोप लगाते हुए कहा है कि इसके कारण रिकॉर्ड 67 परीक्षार्थियों ने शीर्ष रैंक हासिल की और इनमें से छह अभ्यर्थी एक ही परीक्षा केंद्र से हैं. राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) ने किसी भी प्रकार की अनियमितता होने से इनकार किया है. उसने कहा कि छात्रों द्वारा अधिक अंक प्राप्त करने के पीछे राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की पाठ्यपुस्तकों में किए गए बदलाव और परीक्षा केंद्रों पर समय बर्बाद होने की स्थिति में दिए गए अतिरिक्त अंक कारण रहे. एनटीए द्वारा बुधवार शाम घोषित परिणामों में 67 छात्रों ने प्रथम स्थान प्राप्त किया, जिनमें से छह विद्यार्थी हरियाणा के एक ही परीक्षा केंद्र से हैं.
कांग्रेस ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘नीट परीक्षा के बाद अब नीट का परिणाम भी विवादों में है. नीट का परिणाम आने के बाद एक ही परीक्षा केंद्र के छह छात्रों के 720 में से 720 अंक प्राप्त करने पर सवाल उठ रहे हैं. इसके अलावा, नीट परीक्षा से जुड़ी कई और धांधलियां भी सामने आई हैं.’’ पार्टी ने कहा, ‘‘पहले प्रश्न पत्र लीक होने और अब परिणाम में गड़बड़ी से देश के लाखों युवाओं का भविष्य बर्बाद हो रहा है. साफ है कि यह सरकार कोई भी परीक्षा, प्रश्न पत्र लीक किए बिना नहीं करा सकती. साहेब का दावा तो विदेशों में युद्ध रुकवाने का होता है लेकिन वह देश में प्रश्न पत्र लीक भी नहीं रुकवा पा रहे.’’ एनटीए ने अंक बढ़ने का कारण बताते हुए कहा कि उसे परीक्षा के संचालन के दौरान समय बर्बाद होने के बारे में कई शिकायतें मिली थीं. यह भी पढ़ें : JDU Party Meeting दिल्ली में हुई जदयू की बैठक, प्रधानमंत्री मोदी को पूर्ण समर्थन
उसने एक बयान में कहा, ‘‘एनटीए ने ऐसे मामलों और अभ्यावेदनों पर विचार किया और उच्चतम न्यायालय ने 13 जून 2018 के अपने निर्णय के तहत जो सामान्यीकरण फार्मूला तैयार किया और अपनाया था, उसे नीट (यूजी) 2024 के परीक्षार्थियों के लिए लागू किया गया ताकि समय बर्बाद होने के कारण उन्हें हुए नकुसान की भरपाई की जा सके.’’ बयान में कहा गया, ‘‘परीक्षा के दौरान समय के नुकसान का पता लगाया गया और कुछ अभ्यर्थियों को इसकी भरपाई के लिए अतिरिक्त अंक दिए गए, इसलिए उनके अंक 718 या 719 भी हो सकते हैं.’’ एनटीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने अतिरिक्त अंकों के अस्पष्ट कार्यान्वयन के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर ‘पीटीआई-’ से कहा कि प्रश्नपत्र एनसीईआरटी की नयी पाठ्यपुस्तक के आधार पर तैयार किया गया था लेकिन कुछ छात्रों के पास पुरानी एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तकें थीं.