देश की खबरें | पानी की हर बूंद कीमती है: राष्ट्रपति मुर्मू

नयी दिल्ली, 17 सितंबर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जल संरक्षण की आवश्यकता पर बल देते हुए मंगलवार को कहा कि पानी की प्रत्येक बूंद मोती के समान मूल्यवान है और इसका सोच-समझकर इस्तेमाल किया जाना चाहिए।

राष्ट्रपति ने आठवें भारत जल सप्ताह शिखर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए पौधारोपण के माध्यम से भूजल पुनःपूर्ति के महत्व को भी रेखांकित किया।

उन्होंने कहा, ‘‘हमें पौधारोपण कर भूजल स्तर को बढ़ाना चाहिए। हर मां के नाम पर लगाया गया हर पेड़ उसकी विरासत के लिए सम्मान होगा।’’

मुर्मू ने कहा, ‘‘बूंद-बूंद से सागर बनता है, इसलिए पानी बचाना हर किसी की जिम्मेदारी है।’’

राष्ट्रपति ने टिकाऊ भविष्य के लिए जल प्रबंधन में सामुदायिक भागीदारी की आवश्यकता पर भी बात की।

उन्होंने जल जीवन मिशन के जरिए सरकार के किए प्रयासों का जिक्र करते हुए कहा कि खासकर 2021 से महत्वपूर्ण बदलाव लाए गए हैं, जब स्थानीय स्तर पर पानी की कमी को दूर करने के लिए अभियान शुरू हुए।

मुर्मू ने वैश्विक स्तर पर स्वच्छ जल की सीमित उपलब्धता का जिक्र किया। विश्व का केवल 2.5 प्रतिशत पानी ही स्वच्छ है तथा केवल एक प्रतिशत ही मानव उपयोग के लिए उपलब्ध है।

उन्होंने कहा कि यह कठोर वास्तविकता जागरूकता और संरक्षण प्रयासों की आवश्यकता को रेखांकित करती है।

मुर्मू ने कहा, ‘‘जल को लेकर जागरूकता अत्यंत महत्वपूर्ण है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि संरक्षण को लेकर सभी को, विशेषकर महिलाओं और लड़कियों को जागरूक बनाया जाए।’’

उन्होंने कहा कि जल प्रबंधन और सामुदायिक विकास में महिलाओं की भूमिका सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण है।

मुर्मू ने सामूहिक रूप से कदम उठाने की आवश्यकता के बारे में कहा, ‘‘जल संरक्षण अकेले प्रयास करने से नहीं हो सकता। इस बहुमूल्य संसाधन को संरक्षित करने के प्रयास में प्रत्येक नागरिक को अपनी भूमिका निभानी चाहिए।’’

उन्होंने उम्मीद जताई कि शिखर सम्मेलन में होने वाली चर्चाएं सभी प्रतिभागियों को जल संरक्षण की दिशा में सक्रिय रूप से काम करने के लिए प्रोत्साहित करेंगी।

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