विदेश की खबरें | ईयू के शीर्ष राजनयिक ने जी7 से यूक्रेन के लिए सैन्य हथियारों की मदद में तेजी लाने का आग्रह किया
श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने

यूरोपीय संघ के विदेश नीति प्रमुख जोसेप बोरेल ने कहा कि रूस के हमलों से बचाव के लिए अधिक पैट्रियट वायु रक्षा मिसाइल प्रणालियों के बिना ‘‘यूक्रेन की बिजली प्रणाली नष्ट हो जाएगी और कोई भी देश घर पर, कारखानों में बिजली के बिना अग्रिम मोर्चे पर युद्ध नहीं लड़ सकता।’’

बोरेल का यह बयान ऐसे वक्त आया है, जब इतालवी द्वीप कैपरी में जी7 विदेश मंत्रियों की बैठक हो रही है। यूक्रेन-रूस युद्ध और ईरान के इजराइल पर हमले के कारण पश्चिम एशिया में बढ़ता तनाव इस बैठक के एजेंडे में शीर्ष पर है।

इटली के विदेश मंत्री एंतोनियो तजानी ने बैठक के पहले कामकाजी सत्र में ईरान के खिलाफ नए प्रतिबंधों और यूक्रेन को रूस के हमले से खुद को बचाने के लिए ठोस मदद देने की मांग की। तजानी ने आगाह किया कि अगर यूक्रेन हारता है, तो रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन कभी शांति वार्ता की मेज पर नहीं बैठेंगे।

बुधवार को, ब्रसेल्स में यूरोपीय संघ के नेताओं की बैठक में गाजा, यमन और लेबनान में संघर्षरत पक्षों को ड्रोन और मिसाइल की आपूर्ति करने के लिए ईरान पर प्रतिबंध बढ़ाने का संकल्प लिया गया।

बोरेल ने कहा कि ईरान पर मौजूदा यूरोपीय संघ के प्रतिबंधों को मजबूत और विस्तारित किया जाएगा ताकि ईरान को उसके हमले के लिए दंडित किया जा सके। उन्होंने कहा कि इजराइल को भी संयम बरतने की जरूरत है।

यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा और नाटो महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग कैपरी की बैठक में अतिथि के रूप में भाग ले रहे हैं। कुलेबा ने अपने देश की क्षमता को बढ़ाने के लिए तोपखाने, गोला-बारूद और वायु रक्षा प्रणालियों सहित आवश्यक सैन्य सहायता की आवश्यकता को रेखांकित किया, क्योंकि रूस अग्रिम मोर्चे पर बढ़त बना रहा है।

उन्होंने यूक्रेन को पैट्रियट मिसाइल प्रणाली प्रदान करने के लिए जर्मनी को धन्यवाद दिया। कुलेबा ने अमेरिकी संसद से सैन्य हथियारों से संबंधित पैकेज को भी जल्द मंजूरी देने का आग्रह किया।

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