गोरखपुर (उप्र), 27 सितंबर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कहा कि पर्यटन की संभावनाओं के साथ ‘ग्रीन इन्वेस्टमेंट’ (हरित निवेश) को बढ़ावा देने के प्रयास किए जा रहे हैं। सरकार की योजना प्रमुख पर्यटन स्थलों पर सिर्फ इलेक्ट्रिक वाहन (ई-बस व ई रिक्शा) सेवा उपलब्ध कराने की है।
पर्यटन स्थलों पर डीजल-पेट्रोल से चलने वाले वाहनों का संचालन न हो, इसके लिए निजी ऑपरेटर को प्रोत्साहित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री बुधवार को विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर बाबा गंभीरनाथ प्रेक्षागृह में आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे।
उत्तर प्रदेश के पर्यटन स्थलों पर आधारित प्रदर्शनी का उद्घाटन, उत्तर प्रदेश के पर्यटन स्थलों पर आधारित 'ए टू जेड' पुस्तिका का विमोचन, युवा पर्यटन क्लब के सदस्यों को किट वितरण एवं उत्तर प्रदेश के अग्रणी पर्यटन उद्यमियों का सम्मान करने के उपरांत मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष विश्व पर्यटन दिवस की विषय ‘टूरिज्म एंड ग्रीन इन्वेस्टमेंट’ है।
उन्होंने कहा कि प्रमुख पर्यटन स्थलों पर इलेक्ट्रिक वाहन की सुविधा से लोगों को एक बहुत अच्छा वातावरण मिलेगा। ‘‘पर्यटन स्थलों को हम इस ढंग से विकसित करें कि वहां पर जनरेटर भी न चलें, सोलर लाइट की व्यवस्था करें। कोई ऐसी व्यवस्था करें जो हरित ऊर्जा के माध्यम से उसे क्षेत्र के विद्युतीकरण की व्यवस्था को पूरा कर सकती हो।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले एक वर्ष के अंदर उत्तर प्रदेश में 30 करोड़ पर्यटक धार्मिक दृष्टि के अलग-अलग पवित्र धामों का दर्शन करने आए। यह 30 करोड़ केवल संख्या नहीं है बल्कि इसके पीछे पूरा एक पारिस्थितिकी तंत्र छिपा हुआ है। इनसे वाहन संचालन से जुड़े लोगों, फूल, प्रसाद बेचने वालों, होटल, धर्मशाला और रेस्तरां कारोबार से जुड़े, और अन्य भी तमाम लोगों को रोजगार मिला होगा, उनकी आजीविका समृद्ध हुई होगी।
उन्होंने कहा कि सिर्फ सावन के माह में अकेले काशी विश्वनाथ धाम में लगभग दो करोड़ श्रद्धालुओं ने बाबा विश्वनाथ के दर्शन किए। जबकि पहले इतनी बड़ी संख्या में लोग नहीं आते थे। अब काशी विश्वनाथ धाम, भगवान श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या, मथुरा-वृंदावन, मां विंध्यवासिनी धाम में सुविधाएं बढ़ीं, दर्शन में आसानी हुई तो बड़ी संख्या में लोग वहां जा रहे हैं।
इसके पूर्व मुख्यमंत्री ने बुधवार सुबह गोरखनाथ मंदिर से विद्यालयों के युवा पर्यटन क्लब के सदस्यों, नेहरू युवा केंद्र के स्वयसेवकों एंव मीडिया के प्रतिनिधियों की बसों को हरी झंडी दिखाकर कुशीनगर स्थित गौतम बुद्ध के महापरिनिर्वाण स्थल के भ्रमण के लिये रवाना किया।
सं जफर
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