निर्वाचन आयोग ने पश्चिम बंगाल में तीन, ओडिशा में एक विधानसभा सीट पर उपचुनाव की घोषणा की
चुनाव आयोग (Photo Credits: PTI)

नयी दिल्ली, 4 सितंबर: पश्चिम बंगाल (West Bengal) की भवानीपुर (Bhawanipur) विधानसभा सीट (assembly seat) पर 30 सितंबर को उपचुनाव होगा जहां से राज्य की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस नेता ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) की चुनाव लड़ने की योजना है. निर्वाचन आयोग (Election Commission) ने शनिवार को उपचुनाव की तारीख की घोषणा की.इसके अलावा पश्चिम बंगाल की दो अन्य विधानसभा सीटों और ओडिशा (Odisha) की एक विधानसभा सीट पर भी 30 सितंबर को मतदान होगा, जहां संबंधित राज्यों में विधानसभा चुनाव के दौरान मतदान स्थगित हो गया था.

इस साल की शुरुआत में पश्चिम बंगाल में समसेरगंज और जंगीपुर और ओडिशा में पिपली विधानसभा सीट पर चुनाव प्रचार के दौरान उम्मीदवारों की मौत सहित विभिन्न कारणों से चुनाव नहीं हो सके.सभी चार सीटों पर मतगणना तीन अक्टूबर को होगी. निर्वाचन आयोग ने कहा कि उसने कोविड-19 महामारी से बचाव के लिए ‘‘बेहद सख्त’’ मानदंड तय किए हैं. यह भी पढे: ओडिशा विधानसभा में चौथे दिन प्रश्नकाल में सभी दलों के सदस्यों ने हिस्सा लिया

भवानीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव से ममता बनर्जी को राज्य विधानसभा का सदस्य बनने के लिए एक और मौका मिलेगा.बनर्जी इस साल की शुरुआत में हुए राज्य विधानसभा चुनाव के दौरान अपनी पारंपरिक भवानीपुर सीट को छोड़कर चुनाव लड़ने के लिए नंदीग्राम चली गई थीं, लेकिन वह शुभेंदु अधिकारी से हार गईं जिन्होंने भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था.अधिकारी अब पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं. चुनाव परिणामों के बाद बनर्जी चुनाव लड़ सकें इसके लिए भवानीपुर निर्वाचन क्षेत्र के तृणमूल विधायक शोभनदेव चट्टोपाध्याय ने यह सीट खाली कर दी। बनर्जी 2011 के बाद से दो बार भवानीपुर से चुनाव जीत चुकी हैं.निर्वाचन आयोग की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव ने सूचित किया है कि प्रशासनिक जरूरतों और जनहित को देखते हुए और राज्य में एक शून्यता से बचने के लिए भवानीपुर में उपचुनाव कराया जा सकता है, जहां से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी चुनाव लड़ने का इरादा रखती हैं.

बनर्जी को पांच नवंबर तक राज्य विधानसभा का सदस्य बनना होगा.पश्चिम बंगाल के समसेरगंज और जंगीपुर और ओडिशा के पिपली में विधानसभा चुनाव कराने के अपने फैसले का जिक्र करते हुए चुनाव आयोग ने कहा कि इन तीन सीटों के लिए उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों ने पहले ही 29 अप्रैल से तीन मई तक प्रचार की अवधि का ‘‘लाभ’’ उठा लिया है.  इस साल इन सीटों पर 20 सितंबर से ही चुनाव प्रचार की इजाजत होगी.जिन सीटों पर उपचुनाव होने हैं, वहां से मिली सूचना के आधार पर निर्वाचना आयोग ने कहा कि उसने कोविड की स्थिति, बाढ़ एवं आगामी त्योहारों के मद्देनजर अन्य 31 विधानसभा क्षेत्रों और तीन संसदीय क्षेत्रों (देश भर में) में उपचुनाव नहीं कराने का फैसला किया है.

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