बेंगलुरु, 14 फरवरी कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने सोमवार को कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान राज्य में बेहतर प्रबंधन के चलते, विश्व के अन्य हिस्सों की तुलना में कम लोगों की मौत हुई ।
सोमवार से शुरू हुए कर्नाटक विधानमंडल के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए गहलोत ने कहा, ‘‘कर्नाटक को प्रौद्योगिकी के उपयोग के जरिए कोविड-19 के प्रभावी प्रबंधन के लिए ई-शासन पुरस्कार मिला है। राज्य ने 5टी पर अमल किया जो क्रमश: ‘टेस्टिंग, ट्रेसिंग, ट्रैकिंग, ट्रीटमेंट और टेक्नोलॉजी’ हैं।’’
राज्य में टीकाकरण अभियान 6,000 केंद्रों पर चलाया गया है और कोविड टीके की 9.33 करोड़ खुराक पात्र आबादी को दी गई।
गहलोत ने कहा, ‘‘राज्य ने पात्र आबादी में शत प्रतिशत को पहली खुराक और 85 प्रतिशत को दोनों खुराक दे दी है। राज्य ने करीब छह करोड़ नमूनों की कोविड जांच की है। ’’
राज्यपाल ने कहा कि ऑक्सीजन उत्पादन बढ़ा कर राज्य महामारी की तीसरी लहर से निपटने में सफल रहा है और सरकार 840 करोड़ रुपये के अनुदान का प्रभावी तरीके से उपयोग कर रही है।
पिछले साल कर्नाटक के कुछ हिस्सों को प्रभावित करने वाली बाढ़ का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने 1,38,504 बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए 496 राहत केंद्र खोले थे। उन्होंने कहा कि सरकार ने बाढ़ प्रभावित हर परिवार को 10,000 रुपये की तत्काल राहत राशि भी दी।
राज्यपाल ने कहा कि राज्य सरकार ने 85,862 परिवारों को कुल 85.86 करोड़ रुपये दिये। उन्होंने कहा कि सरकार ने राष्ट्रीय आपदा राहत कोष से प्रत्यक्ष नकद अंतरण के जरिए 18 लाख किसान परिवारों को कुल 1,253 करोड़ रुपये दिये।
गहलोत ने कहा कि कर्नाटक नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करने वाला पहला राज्य है। उन्होंने राज्य में चल रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का भी जिक्र किया।
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